भारत में इस वर्ष कपास की फसल में पिंक बॉलवार्म के कारण हुए नुकसान के मद्देनज़र बुवाई के रकबे में कमी आ सकती है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पिछले सत्र फसल बर्बादी झेल रहे किसान किसी दूसरी फसल का विकल्प ढूंढकर बुवाई कर सकते हैं जिसके कारण कपास के रकबे में 12 प्रतिशत तक कमी की उम्मीद जताई जा रही है। इस बीच उद्दोग जगत के अनुसार कपास का निर्यात भी घट सकता है जिसके कारण वैश्विक स्तर पर कीमतें बढ़ सकती हैं।
भारतीय कपास संघ की जानकारी के मुताबिक कर्नाटक व महाराष्ट्र राज्यों में किसान पिंक बॉलवार्म से फसल को नुकसान पहुँचने के कारण सोयाबीन जैसी फसल की बुवाई कर रहें हैं। बताया जाता है कि यह कीट पौधे से फाइबर व बीज को खा लेता है जिससे फसल को नुकसान पहुँचता है। इस बीच जब किसानों ने कीटनाशकों का प्रयोग किया तो लागत में वृद्धि हो गई।
इस दौरान अनुमान लगाया जा रहा है कि इस सत्र में फसल का कुल रकबा घटकर 108 लाख हैक्टेयर हो सकता है जबकि पिछले सत्र में यही 122.6 लाख हैक्टेयर था । बताते चलें कि भारत दुनिया में अमेरिका के बाद कपास का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। इसके मद्देनज़र किसानों ने लेकिन इस बीच इस पिंक बॉलवार्म कीट ने फसल को नुकसान पहुंचाकर किसानों को किसी अन्य फसल की बुवाई का रुख कर रहें हैं।
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