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Constitution Day: संविधान कितना भी बुरा क्यों न हो, अगर उसे लागू करने वाले अच्छे हैं तो अच्छा साबित होगा- डॉ. अम्बेडकर

क्या आप जानते हैं कि भारतीय संविधान की मूल प्रति कैसी दिखती है और इसे किन कलाकारों ने सजाया था. अगर नहीं तो यह खबर जरूर पढ़ें....

लोकेश निरवाल
संविधान दिवस 26 नवंबर के दिन क्यों मनाया जाता है
संविधान दिवस 26 नवंबर के दिन क्यों मनाया जाता है

भारतीयों के लिए हर साल 26 नवंबर का दिन बेहद खास होता है. इस दिन को महत्वपूर्ण इसलिए माना जाता है क्योंकि यह दिन 1949 के ऐतिहासिक दिन को दर्शाता है. आज ही के दिन संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अपनाया गया था यानी की 26 नवंबर 1949 के दिन देश की संविधान सभा ने संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था. लेकिन इसे 26 जनवरी, 1950 के दिन लागू किया गया था. आपको बता दें कि इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता है.

भारतीय संविधान के बारे में

जैसे की आप जानते हैं कि हमारे देश का संविधान विश्व में सबसे लंबा लिखित संविधान है. बता दें कि इसमें कई हिस्से यूनाइटेड किंग्डम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिए गए हैं. संविधान सर्वोच्च कानून, मौलिक राजनीतिक संहिता, संगठनात्मक संरचना, संचालन प्रक्रियाओं और सरकारी संस्थानों की जिम्मेदारियों के साथ-साथ मौलिक अधिकारों, मार्गदर्शक सिद्धांतों और नागरिकों के कर्तव्यों को परिभाषित करने के साथ चलाने में अहम भूमिका निभाता है.

संविधान को लेकर डॉ. भीम राव अंबेडकर के विचार

डॉ. भीम राव अम्बेडकर ने संविधान को लेकर कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसे लागू करने वाले अच्छे नहीं हैं, तो वह बुरा साबित होगा और अगर संविधान कितना भी बुरा क्यों न हो, अगर उसे लागू करने वाले अच्छे हैं, तो वह अच्छा साबित होगा.

जानें कितने दिन में बनकर तैयार हुआ था संविधान

भारतीय संविधान को पूरी तरह से तैयार होने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था. देश के संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखी गई थी.

संविधान को कैलीग्राफी के माध्यम से इटैलिक अक्षरों में लिखा गया है. इसके अलावा पुस्तक के हर एक पन्ने को शांतिनिकेतन के कलाकारों ने अच्छे से सजाया था.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संविधान की असली प्रतियों को दो भाषाओं हिंदी व अंग्रेजी में लिखा गया था. आज भी भारतीय संविधान की पुस्तक को भारत की संसद में हीलियम भरे डिब्बों में सुरक्षित रखा गया है.

भारतीय संविधान को तैयार करने में लगभग 64 लाख रुपए तक का खर्च हुआ था.

ये भी पढ़ें: हर साल 26 जनवरी को ‘गणतंत्र दिवस’ क्यों मनाते हैं, पढ़िए इस दिन से जुड़ी अहम बातें

संविधान पुस्तक की मूल प्रति
संविधान पुस्तक की मूल प्रति

ऐसी दिखती है संविधान पुस्तक की मूल प्रति

16 इंच चौड़ी

22 इंच लंबी चर्मपत्र सीटें

पांडुलिपि में 251 पृष्ठ 

English Summary: Constitution Day: No matter how bad the constitution is, if those who implement it are good then it will prove to be good Dr. Ambedkar Published on: 26 November 2022, 12:28 PM IST

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