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पटना में केला, पपीता, नींबू, अमरूद की खेती के व्यावसायिक उत्पादन को दिया जा रहा बढ़ावा, पढ़ें पूरी डिटेल

14 अगस्त 2024 को पटना में विभिन्न प्रखंडों में किसानों द्वारा बागवानी के क्षेत्र में नवाचार के कार्यों का अवलोकन किया एवं कृषकों से आँवला, नींबू, अमरूद, पपीता फलों के क्लस्टर में उत्पादन करने हेतु संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, कृषि विभाग, बिहार के द्वारा सुझाव दिया गया. इसके अलावा उन्होंने मालभोग केला की खेती के लिए कृषकों को प्रोत्साहित किया गया.

KJ Staff
किसानों को बागवानी के क्षेत्र के लिए किया गया  प्रोत्साहित
किसानों को बागवानी के क्षेत्र के लिए किया गया प्रोत्साहित

आज संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, कृषि विभाग, बिहार के द्वारा पटना जिला के विभिन्न प्रखंडों में किसानों द्वारा बागवानी के क्षेत्र में नवाचार के कार्यों का अवलोकन किया एवं कृषकों से आँवला, नींबू, अमरूद, पपीता फलों के क्लस्टर में उत्पादन करने हेतु सुझाव दिया. सर्वप्रथम सचिव, कृषि विभाग द्वारा पटना जिला के बिहटा प्रखण्ड के सिकन्दरपुर गाँव में कृषक बिरेन्द्र प्रसाद एवं राजीव रंजन वर्मा द्वारा किये गये पपीता एवं खीरा की खेती का अवलोकन किया गया. पपीता के दो पंक्तियों के बीच की जगह को भी ओल, हल्दी, अदरक, मूली आदि फसलों को लगाकर सदुपयोग करने का सुझाव दिया गया. 24 एकड़ में लगे पपीता एवं खीरा के फसल में कीटनाशी के छिड़काव के लिए ड्रोन के उपयोग हेतु सुझाव दिया गया. संयुक्त निदेशक, पौधा संरक्षण, पटना को निदेश दिया गया कि उक्त खेत का निरीक्षण कर ड्रोन से छिड़काव कराना सुनिश्चित करें.

सचिव, कृषि विभाग ने कहा कि ड्रोन से कीटनाशी दवा के छिड़काव कम समय में एवं अधिक प्रभावशाली ढंग से किया जा सकता है. ड्रोन के उपयोग से खेती की लागत में कमी आएगी.

इसके बाद सचिव, कृषि द्वारा पालीगंज प्रखण्ड के मसौढ़ा पंचायत के जलपुरा गाँव के नवाचारी किसान मो॰ सलाउद्दीन के द्वारा किये जा रहे केला, सेब, एप्पल बेर, अमरूद एवं नींबू की बगीचा का भ्रमण किया गया. मो॰ सलाउद्दीन के द्वारा करीब 15 एकड़ में विभिन्न फलों का उत्पादन किया जा रहा है. उपस्थित कृषकों को क्लस्टर में बागवानी के व्यावसायिक महत्व को बताते हुए थ्च्व्/कृषक समूह बनाकर मालभोग केला, आँवला, नींबू एवं अमरूद की खेती को क्लस्टर में करने हेतु सुझाव दिया गया. तत्पश्चात् दुल्हिन बाजार प्रखण्ड के भिमानीचक गाँव में गेंदा फूल की खेती का जायजा लिया गया. कृषकों से वार्ता के क्रम में पाया गया कि फूल कृषक गेंदा फूल के पौधे कोलकाता से लाते हैं. फलतः खेती की लागत अधिक आ जाती है. सचिव, कृषि के द्वारा निर्देश दिया गया कि कृषकों का समूह का गठन कराएं एवं पौध उत्पादन के प्रशिक्षण हेतु कोलकाता भेजें. पॉली हाउस का लाभ एवं आवश्यक तकनीकी सहयोग देकर कृषकों से स्वयं गेंदा फूल का पौधा उत्पादन कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया.

सचिव, कृषि द्वारा बताया गया कि क्लस्टर में फूलों की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देने के लिए चतुर्थ कृषि रोड मैप में बागवानी योजना के अन्तर्गत प्रावधान किया गया है. क्लस्टर में खेती के लिए चयनित फसल का क्लस्टर निर्माण एक राजस्व ग्राम में 25 एकड़ या उस से अधिक के क्षेत्र में किया जायेगा, जिसमें एक कृषक को कम से कम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) तथा अधिकतम 10 एकड़ (4 हेक्टेयर) के लिए अनुदान देय होगा. इसमें अनुदान के रूप में 1.00 लाख रूपये प्रति एकड़ अनुदान का प्रावधान है. स्ट्रॉबेरी एवं ड्रैगन फ्रूट के लिए 2.00 लाख रूपये प्रति एकड़ अनुदान का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि क्लस्टर में खेती करने से गाँव स्तर पर रोजगार सृजन के साथ-साथ विपणन की व्यवस्था सुलभ हो सकेगा.

पटना जिला के बागवानी विकास की योजनाओं में निरीक्षण के समय सचिव, कृषि के साथ-साथ निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार, पटना प्रमण्डल के उप निदेशक देव नारायण महतो, पटना के जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार, पटना के सहायक निदेशक उद्यान डॉ. अमरजीत कुमार राय, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, दानापुर मिथिलेश कुमार उपस्थित थे.

English Summary: Commercial production of banana papaya lemon and guava is being encouraged in Patna Published on: 14 August 2024, 06:32 PM IST

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