1. Home
  2. ख़बरें

केजरीवाल ने कृषि कानूनों को 'डेथ वारंट' बताते हुए सरकार को दे डाली ये बड़ी नसीहत

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारी किसान केंद्र सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इसे वापस लेने को राजी नहीं है. हालांकि, इसे लेकर सरकार व किसानों के बीच कई दौरे की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान निकलकर सामने नहीं आया है. वहीं, किसानों के सुर में सुर मिलाते हुए विपक्षी दल भी केंद्र सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे है. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिन आंदोलनकारी किसानों से मुलाकात की.

सचिन कुमार
Farmer's Protest
Farmer's Protest

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारी किसान केंद्र सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इसे वापस लेने को राजी नहीं है. हालांकि, इसे लेकर सरकार व किसानों के बीच कई दौरे की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक  कोई समाधान निकलकर सामने नहीं आया है. वहीं, किसानों के सुर में सुर मिलाते हुए विपक्षी दल भी केंद्र सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे है. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिन आंदोलनकारी किसानों से मुलाकात की.

किसानों से मुलाकात करने के बाद उन्होंने इन कृषि कानूनों को 'डेथ वारन्ट' बताया. उन्होंने कहा कि 'इन कृषि कानूनों से किसानों की किसानी बड़े-बड़े उद्योगपतियों के हाथों में चली जाएगी. यह कानून किसानों के लिए कतई हितकारी नहीं है. लिहाजा, भलाई इसी में है कि इन कानूनों को वापस ले लिया जाए, मगर इस मसले को लेकर सरकार भी अब अपना रूख पूरी तरह से स्पष्ट कर चुकी है कि वे इन कानूनों को वापस लेने को कतई तैयार नहीं है, लेकिन सरकार इतना जरूर साफ कर चुकी है कि अगर इन कानूनों से किसी को कोई आपत्ति है, तो हम इसमें जरूर कुछ संशोधन करेंगे, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार के संशोधन को लेकर भी बात नहीं बन पाई है.

वहीं, रविवार को आंदोलनरत किसानों से मुखातिब होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर हमारे देश में सरकार ही किसानों की नहीं सुनेगी तो फिर उनकी कौन सुनेगा?   बता दें कि आंदोलनकारी किसानों से मुखातिब होने के बाद मुख्यमंत्री ने सरकार से मांग की  है कि सभी 23 फसलों को एमएसपी के दायरे में लाया जाए और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए. 

लाभ बताने में नाकाम रही सरकार

आंदोलनकारी किसानों से मुखातिब होने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार बार-बार इन कृषि कानूनों को किसानों के लिए फायदेमंद बता रही है, मगर सरकार अभी इसके फायदे बताने में नाकाम रही है। बता दें कि आगामी 28 फरवरी को महापंचायत है, जिसमें कृषि कानूनों को लेकर चर्चा की जाएगी, मगर अफसोस अब केंद्र सरकार ने किसानों से वार्ता करना ही बंद कर दिया है. ऐसे में अगर सरकार किसानों से वार्ता करना ही बंद कर देगी तो फिर उनकी समस्या का समाधान कैसे निकलेगा? गौरतलब है कि कृषि कानूनों को लेकर शुरू से ही केजरीवाल सरकार किसानों का पक्ष लेती हुई आई है. 

English Summary: CM Kejriwal said that farmers law are like Death Warrant Published on: 22 February 2021, 04:25 PM IST

Like this article?

Hey! I am सचिन कुमार. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News