बदलते मौसम का प्रभाव इन दिनों फसलों पर दिखायी देने लगा है. तापमान के उतार-चढ़ाव की वजह से फसलों पर कीटों का हमला बढ़ गया है. ऐसे ही मामला देश के तेलंगाना और आन्ध्र प्रदेश के राज्यों में दिखायी दे रहा है जहाँ मिर्च की फसल (Chilli Crop) पर लगे कीटों से फसलों पर बुरा असर पड़ा है, फसल पूर्ण रूप से बर्बादी की कगार पर हैं. ऐसे में किसानों को अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. किसान इन कीटों के हमले से काफी परेशान हैं.
बता दें तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में किसानों ने मिर्च की खेती कर रखी है, लेकिन मौसम के बदलाव की वजह से मिर्च की फसल पर थ्रिप्स कीट के हमला बढ़ गया है. इन कीटों के छुटकारा पाने के लिए उनके पास कोई सुझाव, दवा और इलाज नहीं है, जिस वजह से किसान परेशान हैं.
किसानों का क्या है कहना (What The Farmers Have To Say)
किसानों का कहना है कि पिछले पांच-छह साल पहले फसल पर बहुत कम कीट पाए जाते थे, लेकिन फिर उन्हें नियंत्रित करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया. इन कीटों पर नियंत्रण पाने के लिए हम लोगों ने बाजारों से कीटनाशक दवा का इस्तेमाल भी किया, लेकिन कोई अच्छा परिणाम नहीं मिला, क्योंकि बाज़ार में उपलब्ध कीटनाशक पूर्णरूप से नकली है.
वहीँ दूसरी तरफ किसानों के कहना है कि थ्राइब्स नामक कीड़ों के हमले से लगभग 9 लाख एकड़ मिर्च की खेती बर्बाद हो गयी है. इस समस्या से लाखों किसान प्रभावित हैं, लेकिन सरकार के स्तर पर इसे नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं किया गया है. किसान लाखों रुपए लगाकर बैठे हैं, लेकिन अब उनकी फसल बर्बाद हो गई है. उनका कहना है कि तेलंगाना में बड़े पैमाने पर नकली कीटनाशक बेचे जाते हैं, जिससे इस कीट पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है. खम्मम जिले में काफी नुकसान हुआ है, लेकिन राज्य सरकार को सिर्फ धान की फसल की चिंता है.
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तब कीटों को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार एजेंसियों ने अपना काम ठीक से नहीं किया. इसको लेकर अभी तक कोई शोध नहीं हुआ है, जिससे आज भी किसान परेशान हैं. उनकी मिर्च की फसल बर्बाद हो गई है. प्रत्येक फूल में 20 से 25 कीट लग जाते हैं और अधिक फसलों को मार देते हैं.
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