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दिनचर्या में बदलाव लाकर हृदय रोगों पर पाया जा सकता है काबू

भरतपुर 11 अगस्त । हृदय इंसान के मुख्य अंगों में से एक है. इंसान को इसका खास ध्यान रखना चाहिए. अगर इंसान चाहे तो इंसान अपने दिनचर्या में बदलाव लाकर हृदय रोगों पर काबू पा सकता है. जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पीटल के प्रख्यात ह्रदय रोग विषेषज्ञ डॉ. संजय चुघ ने कहा है कि बढ़ते ह्रदय रोगों पर अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर काबू पाया जा सकता है. इसके अलावा तम्बाकू सेवन और वसायुक्त खानपान पर पाबंदी लगाकर भी काफी हद तक राहत पाई जा सकती है. ह्रदय रोगों के बेहतर उपचार के लिये जेएनयू हॉस्पीटल अधिक विष्वसनीय एवं कारगर होने के साथ आधुनिक ईलाज सुविधाओं से परिपूर्ण है.

 

तम्बाकू सेवन पर लगाई जाए पाबन्दी, एंजियोप्लास्टि हाथ की कलाई से करायें.

भरतपुर 11 अगस्त । हृदय इंसान के मुख्य अंगों में से एक है. इंसान को इसका खास ध्यान रखना चाहिए. अगर इंसान चाहे तो इंसान अपने दिनचर्या में बदलाव लाकर हृदय रोगों पर काबू पा सकता है. जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पीटल के प्रख्यात ह्रदय रोग विषेषज्ञ डॉ. संजय चुघ ने कहा है कि बढ़ते ह्रदय रोगों पर अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर काबू पाया जा सकता है. इसके अलावा तम्बाकू सेवन और वसायुक्त खानपान पर पाबंदी लगाकर भी काफी हद तक राहत पाई जा सकती है. ह्रदय रोगों के बेहतर उपचार के लिये जेएनयू हॉस्पीटल अधिक विष्वसनीय एवं कारगर होने के साथ आधुनिक ईलाज सुविधाओं से परिपूर्ण है.
भरतपुर की कृष्णा कॉलोनी के मकान नं0 123 में रविवार को प्रातः 9 बजे से लुपिन फाउंडेशन के सहयोग से हॉस्पीटल द्वारा आयोजित होने वाले निःषुल्क ह्रदय रोग चिकित्सा शिविर के सम्बन्ध में आयोजित पत्रकार वार्ता में डॉ. चुघ ने कहा कि जिन रोगियों के सीने में दर्द, भारीपन हो अथवा सीढ़ियां चढ़ते समय सांस फूलती हो ऐसे रोगियों को तत्काल ह्रदय रोग की जांच आवष्यक रूप से करानी चाहिये. उन्होंने बताया कि भारत में जीवनशैली में आए बदलाव के कारण ह्रदय रोग निरन्तर बढ़ता जा रहा है जिसका समय पर उपचार करा लिया जाये तो रोगी लम्बी आयु प्राप्त करता है.

डॉ. चुघ ने बताया कि संयुक्त परिवारों के टूटने एवं औद्योगिकीकरण के कारण तनाव बढ़ता जा रहा है जिससे ह्रदय रोगियों की संख्या में भी ईजाफा हो रहा है. इसके अलावा खानपान में आया बदलाव भी इस रोग को बढ़ाने में सहायता कर रहा है. उन्होंने बताया कि जिन रोगियों में ह्रदय रोग के लक्षण नजर आयें उन्हें ह्रदय रोग विषेशज्ञ से ईलाज कराना चाहिये. उन्होंने बताया कि यदि एंजियोप्लास्टि की आवशयक्ता हो तो हाथ की कलाई के द्वारा एंजियोप्लास्टि करायें जिसकी सुविधा जेएनयू हॉस्पीटल में उपलब्ध है.

ह्रदय रोग विषेषज्ञ डॉ. चुघ ने बताया कि जेएनयू हॉस्पीटल में भामाशाह कार्ड धारक एवं रेलवे कार्मिकों को निःषुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है जबकि यह चिकित्सालय राज्य कर्मचारियों, पेंशनरों, निजी बीमा कम्पनियों आदि के लिये भी अधिकृत है। जयपुर संभाग का सबसे बड़ा चिकित्सालय होने के कारण इसमें ह्रदय रोगियों का आधुनिक तकनीक एवं विषेषज्ञों द्वारा कम दर पर ईलाज किया जाता है।

जयपुर नेषनल यूनिवर्सिटी हॉस्पीटल एण्ड मेडिकल कॉलेज, जगतपुरा, जयपुर

ह्रदय रोग के उपचार के लिये जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पीटल में करायें ईलाज

सोर्स: रामचरण धनकर

 

जिमी
कृषि जागरण

English Summary: Changes in routine can be found on cardiovascular diseases Published on: 11 August 2018, 08:09 AM IST

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