1. Home
  2. ख़बरें

चावल निर्यात पर प्रतिबन्ध से आर्थिक नुकसान की सम्भावना

ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (एआईआरईए) ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया | इस सम्मलेन में यूरोपीय संघ (ईयू) द्वारा भारतीय चावल के आयात पर प्रतिबन्ध को लेकर चर्चा की गयी | भारत में धान की फसल में ट्राईसीक्लाज़ोल - फसल संरक्षण के लिए व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली कवकनाशी का इस्तेमाल करने पर यह प्रतिबन्ध लगाया गया है | यह एक फफूंदनाशक है, जिसका इस्तेमाल धान में होने वाले ब्लास्ट रोग की रोकथाम के लिए किया जाता है | हालांकि इसका उपयोग करने पर कोई नई सुरक्षा समस्या प्रकाश में नहीं आई है | यूरोपीय संघ का यह प्रतिबन्ध गलत है|

ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (एआईआरईए) ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया | इस सम्मलेन में यूरोपीय संघ (ईयू) द्वारा भारतीय चावल के आयात पर प्रतिबन्ध को लेकर चर्चा की गयी | भारत में धान की फसल में  ट्राईसीक्लाज़ोल - फसल संरक्षण के लिए व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली कवकनाशी का इस्तेमाल करने पर यह प्रतिबन्ध लगाया गया है | यह एक फफूंदनाशक है, जिसका इस्तेमाल धान में होने वाले ब्लास्ट रोग की रोकथाम के लिए किया जाता है | हालांकि इसका उपयोग करने पर कोई नई सुरक्षा समस्या प्रकाश में नहीं आई है | यूरोपीय संघ का यह प्रतिबन्ध गलत है|

इस कांफ्रेंस में एआईआरईए के प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए  विजयसेटिया,अध्यक्ष एआईआरईए ने कहा, "हर साल 40 लाख मीट्रिक टन बासमती चावल भारत से निर्यात किया जाता है (2,2000 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा की राशि), कुल पूसा बासमती के 10 लाख टन चावल के उत्पादन में से 3.50 लाख मीट्रिक टन चावल अकेले यूरोपीय संघ के देशों में निर्यात किया जाता है जो कि धान के किसनों से 20 लाख टन प्राप्त होता है, यह 15-17 लाख से अधिक किसानों की आजीविका और आय को सीधे प्रभावित करेगा | भारत के अग्रणी चावल निर्यात कंपनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने बताया कि 1 जनवरी, 2018 से प्रभावी होने वाली यह कार्रवाई मौजूदा खरीफ फसल पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगी। इस सन्दर्भ में इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (एआईआरईए) ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से लिखित रूप से इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए अनुरोध किया है। इसके अलावा इसकी लिखित कॉपी निजी तौर पर हस्तक्षेप करने के लिए कहा है। पत्र की प्रतियां वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सीतरमण, कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह को भी भेजी गईं।

यूरोपीय संघ ने डॉव साइंस, संयुक्त राज्य अमरीका से इंसानों पर ट्राईसीक्लाज़ोल के प्रभावों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा था। डॉव साइंस ने अभी तक यह जानकारी प्रदान नहीं की है और केवल 2019 तक ही ऐसा करने में सक्षम हो पाएगा। लेकिन यूरोपीय संघ ने 1 जनवरी 2018 से भारतीय चावल के आयात को निलंबित करने का निर्णय लिया है। इस प्रतिबन्ध के कारण देश के देश से निर्यात होने वाले चावल को निर्यात करने का पूरा अधिकार पाकिस्तान को मिल जायेगा, जिससे भारतीय किसानों और चावल इंडस्ट्री को काफी नुक्सान उठाना पड़ेगा| 

पत्र की प्रतियां वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण, कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह को भी भेजी गईं इस अवसर पर विजय सेटिया - प्रेजीडेंट एआईआरईए, सीएमडी, चमनलाल सेटिया एक्सपोर्ट्स, अनिल मित्तल - सीएमडी केआरबीएल, गुरनाम अरोड़ा-ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, कोहिनूर फूड्स लिमिटेड, रजनीश ओहरी - एमडी, टिल्डा हैन लिमिटेड, राकेश अग्रवाल - एमडी, सन स्टार ओवरसीज लिमिटेड, जेपी लैबोर्डे - एमडी, एब्रो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ब्रिगे जे.एस. ओबेरॉय - एसोसिएट डायरेक्टर, एलटी फूड्स लिमिटेड, अजय भलोतिया – वाइस प्रेजीडेंट एआईआरईए, सीईओ फॉर्च्यून राइस लिमिटेड, राजेन सुंदरेसन, एआईईआरए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मौजूद रहे। 

English Summary: Chances of Economic Damage from Restriction on Rice Export Published on: 29 August 2017, 12:36 AM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News