कृषि विज्ञान केन्द्र, भिवानी द्वारा तक चार दिवसीय 'मूल्य सवंर्धित खाद्य पदार्थ' पर व्यावसायिक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमे गांव गुजरानी, जाटू लोहारी, मानहेरू, पालवास, धिराना व दांग खुर्द की 30 युवतियों एवं ग्रामीण महिलाओं ने भाग लिया। केंद्र की वरिष्ठ संयोजिका डॉ. अमृत चावला ने प्रशिक्षणथियों को मूल्य सवंर्धित खाद्य पदार्थों को बना कर व बेचकर लघु उद्दोग के रूप मे अपनाने का आह्वान किया।
प्रशिक्षण शिविर की आयोजक डॉ. चावला, आहार एवं पोषण विशेषज्ञ ने युवतियों को अपने दैनिक आहार मे बाजरा, मक्का, जौं, गुड़, अंकुरित दालों, हरी सब्जियां नींबू, टमाटर, पपीता, आम, अमरूद, काला चना, पेठा का प्रयोग करके कुपोषण की समस्या का समाधान करने का आह्वान किया। केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. मीनू ने खुम्ब की पौष्टिकता बताते हुए खुम्ब को दैनिक आहार मे प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया क्योंकि यह प्रोटीन और खनिज लवण व विटामिन से भरपूर आहार है और लघु उद्दोग का अच्छा विकल्प है, उन्होंने सुरक्षित अनाज भण्डारण के तरीकों के बारे में ग्रामीण महिलाओं को जागरूक किया।
डॉ. विनोद ने मिश्रित अनाज व दालों के प्रयोग पर बल दिया। सब्जी विशेषज्ञ डॉ. हंसराज ने प्रशिक्षणथियों को अपने घर आंगन में फल एवं सब्जियां लगाने की सलाह दी ताकि पोषण स्तर को बढ़ाया जा सके। प्रशिक्षण शिविर के दौरान कार्यक्रम की आयोजक डॉ. अमृत चावला ने नींबू के छिलकों का अचार, कच्चे आम का अचार, नींबू का शरबत, टमाटर की चटनी, कच्चे आम पन्ना व चटनी, हरी मिर्च का अचार, अंकुरित दालो के व्यंजन व विशेष रूप से बाजरा लड्डू, अंकुरित बाजरा-दाल पकौड़ा, अंकुरित दाल रायता आदि का प्रशिक्षण दिया जिसमें प्रशिक्षणार्थियों ने विशेष रूचि ली और स्वयं भी बनाकर देखे। इस कार्यक्रम के अन्तिम दिन पौष्टिक व्यंजन बनाओ प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें आरती गांव घिराणा ने प्रथम स्थान, सरोज गांव दांग खुर्द ने द्वितीय स्थान व नीलम निवासी भिवानी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
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