केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने 3 मार्च को नई दिल्ली में पूसा कृषि विज्ञान मेला-2020 के समापन समारोह के सम्बोधन में कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना सरकार की पहली प्रथमिकता है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं.
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि साल 2013-14 में किसानों की औसत आय 6,426 रुपये थी जबकि साल 2016-17 में यह बढ़कर 8,167 रूपये हो गई, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि हमें विश्वास है कि प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्य तय समय सीमा के पहले ही पूरा कर लिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि साल 2014 के पहले कृषि का बजट 25,000-30,000 करोड़ के बीच हुआ करता था लेकिन अब यह बढ़कर 1,50,000 करोड़ रुपये के पार हो गया है. उन्होंने बताया, "जो पैसे पहले किसान पांच साल में पाते थे, वही उतना नरेंद्र मोदी सरकार एक साल में ही दे रही है. हमारी सरकार का बजट पहले की सरकार के तुलना में कई गुना बढ़ा है." भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की सराहना करते हुए, नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने संतोष व्यक्त किया कि तीन-दिवसीय मेले के दौरान बीजों की बिक्री 45 लाख रुपये से अधिक हुई.अब भारत अपनी उपज का 6-7 प्रतिशत निर्यात कर रहा है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक एवं कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरई) के सचिव त्रिलोचन महापात्र बताया कि इस बार कृषि विज्ञान मेले में 80,000 किसानों ने भाग लिया. उन्होंने यह भी बताया कि "मेरा गांव, मेरा गौरव" स्कीम के तहत 13,500 को गांवों के किसानों को कवर किया जा रहा है. कृषि वैज्ञानिक इन सभी गांवो में जाकर किसानों की समस्याओं को देखने के साथ उनके अनुभव को भी सीखते हैं और आईसीएआर को अपनी प्रतिक्रिया का सुझाव देते हैं. उन्होंने बताया कि किसान मेलों के जरिए देश के दूरदराज के किसान एक दूसरे से मिलकर अपने अनुभवों को शेयर करते हैं.
इस अवसर पर चौधरी और अन्य गणमान्य लोगों ने आईसीएआर प्रकाशनों का विमोचन किया.
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