उत्तर प्रदेश स्थित मुरादाबाद शहर के कृषि लैब में इन दिनों किसानों की मदद के लिए विशेषज्ञ बायोपेस्टीसाइड (pest control management) तैयार कर रहे हैं. खास बात यह है कि यह बायोपेस्टीसाइड बाजरा से तैयार किया जा रहा है. न केवल मुरादाबाद मंडल, बल्कि हापुड़ और बुलंदशहर में भी किसानों की तरफ से बायोपेस्टीसाइड की मांग बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि बायोपेस्टीसाइड बनाने का काम जोर-शोर से चल रहा है. इससे किसानों और बागवानों को काफी मदद मिलेगी. आपको बता दें कि किसानों की फसलों में लगने वाले रोग, कीट और खरपतवार के नियंत्रण के लिए रासायनिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है. इससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन पर भी असर पड़ता है. ऐसे में रासायनिक कीटनाशकों की जगह जैव कीटनाशक का इस्तेमाल कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
बाजरा से बायोपेस्टीसाइड तैयार करने की विधि
आपको बता दें कि ट्राइकोडर्मा और बाजरा पाउडर से बायोपेस्टीसाइड तैयार किया जाता है. कृषि लैब में इस ख़ास बाजरा बायोपेस्टीसाइड को एक खास विधि से तैयार किया जाता है. इसे तैयार करने के लिए सबसे पहले बाजरे को पानी में 24 घंटे के लिए भिगोकर रखा जाता है. पूरा एक दिन भिगोने के बाद बाजरा को निकालकर उसका पूरा पानी छानकर निचोड़ दिया जाता है यानी बाजरे से पानी को पूरी तरह हटा दिया जाता है. इसके बाद विशेषज्ञ पॉली प्रोपाइलिन बैग में बाजरे को रख देते हैं. इस प्रक्रिया के बाद उसे आटोक्लेव मशीन में रखा जाता है जहां मशीन स्टार्ट की जाती है और उसे पहले 121 डिग्री तापमान पर गर्म किया जाता है. इसके लगभग एक घंटे बाद मशीन को बंद कर बैग को स्टेरलाइज़ किया जाता है. इसके बाद लैब में तैयार ट्राइकोडर्मा कल्चर को विशेषज्ञों द्वारा सिरिंज के माध्यम से बैग में डाला जाता है. इसे लगभग एक हफ्ते के लिए ऐसे ही छोड़ दिया जाता है. एक हफ्ते बाद ट्राइकोडर्मा का विकास होता है. इस दौरान उसमें हरा रंग दिखने लगता है और इसके पूरी तरह से सूखने के बाद इसमें बाजरे को मिलाया जाता है. इसमें बाजरा के छोटे टुकड़े करने के बाद उसे पीसकर पाउडर बनाया जाता है और उसके बाद ही ट्राइकोडर्मा में मिलाया जाता है. इस तरह बायोपेस्टीसाइड तैयार किया जाता है.
इस तरह मददगार है यह बायोपेस्टीसाइड
बायोपेस्टीसाइड फसलों में लगने वाले रोग या कीट को नियंत्रित करता है. इसके साथ ही यह किसानों के खेतों की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाता है. ट्राइकोडर्मा हरजेनियम (फंगस) के साथ पाउडर या ब्यूबेरिया बेसियाना और पाउडर को मिलाकर दो तरीके से जानकारों द्वारा बायोपेस्टीसाइड को तैयार किया जाता है.
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