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बिहार में गांवों में विकास कार्यों को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. दरअसल सात निश्चय योजना 2 के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने का फैसला किया है, जो इसी साल शुरू किया जाना है. खास बात यह है कि इस काम में स्थानीय मुखिया अपनी पसंद के अनुसार लाइट लगाने वाली एजेंसी चुनाव कर सकता है और इस मामले में किसी भी तरह का फैसला लेने के लिए वो स्वतंत्र है.
मुखिया करेगा चयन और भुगतान
बता दें कि गांवों की सड़कों और गलियों में लगने वाले सोलर लाइटों का पंचायत के मुखिया अब केवल चयन ही नहीं, बल्कि भुगतान करेंगें. सरकार ने साफ कर दिया है कि कंपनियों को भुगतान भी मुखिया के माध्यम से ही किया जाएगा.
ब्रेडा के प्रति जवाबदेही तय
सरकार का मानना है कि मुखिया का अधिकार क्षेत्र बढ़ने से ग्रामीण सड़कें और गलियां अब रोशन होंगी, लेकिन विपक्ष ने कई तरह के सवाल उठाएं हैं. हालांकि सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि मुखिया को चयन और भुगतान का अधिकार तो होगा लेकिन उसे भी बिहार रिन्यूएबल इनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ब्रेडा) के गाइडलाइंस का पालन करना होगा.
हर भुगतान की देनी होगी रिपोर्ट
ब्रेडा के गाइडलाइंस के मुताबिक मुखिया को भी सरकार को बताना होगा कि कब और किस गांव की सड़क या गली के लिए कितने लाइट लगवाए गए और कितना भुगतान किया गया. इसके अलावा मुखिया के कामों और सूची में शामिल कंपनी के नामों पर निगरानी रखने का काम ब्रेडा का होगा. सरकार ने साफ कर दिया है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी, पक्षपात, लापरवाही या गलत काम में नाम आने पर मुखिया पर भी कार्रवाई की जाएगी.
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