
बिहार सरकार ने पशुओं की रक्षा के लिए एक खास चारा वितरण योजना शुरू की है. इस योजना का मकसद आपदा के समय पशुओं को जरूरी चारा देना है ताकि उनकी जान बच सके. खासतौर पर बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं में पशुपालकों को मदद पहुंचाने के लिए यह योजना काम आती है. इसमें बड़े जानवरों और छोटे जानवरों के लिए अलग-अलग मात्रा में चारा दिया जाता है. जिला प्रशासन के सहयोग से चारा शिविरों में बांटा जाता है. इससे पशुओं की सेहत बनी रहती है और पशुपालक अपना काम बिना रुके जारी रख पाते हैं.
राज्य सरकार के इस कार्यक्रम का उद्देश्य आपदा के समय पशुओं को आवश्यक चारा उपलब्ध कराकर उनकी जान बचाना है. बिहार के सभी जिलों में जिला प्रशासन के सहयोग से यह कार्य समय-समय पर किया जाता है ताकि पशुपालन प्रभावित न हो.
छोटे और बड़े जानवरों को इतना मिलता है चारा
इस योजना के अंतर्गत निर्धारित सहायता मानदंड के अनुसार बड़े जानवरों के लिए प्रतिदिन 70 रुपये तथा छोटे जानवरों के लिए 35 रुपये के बराबर चारा वितरित किया जाता है. आमतौर पर बड़े जानवरों को प्रतिदिन 6 किलो ग्राम, छोटे जानवरों को 3 किलो ग्राम तथा भेड़-बकरियों को 1 किलो ग्राम चारा दिया जाता है. यह चारा पशु शिविरों या अस्थायी शिविरों में एक बार तीन दिन या एक सप्ताह तक वितरित किया जाता है. यदि बाढ़ जैसी स्थिति बनी रहती है तो शिविर संचालित कर पुनः चारा वितरण किया जाता है.
टोकन से मिलेगा चारा
चारा वितरण प्रक्रिया में जिला प्रशासन की मार्गदर्शन एवं सहयोग से शिविरों में पशुओं की संख्या के अनुसार चारा दिया जाता है. इसके साथ ही प्रभावित पशुओं की प्रकार और संख्या का हिसाब रखकर पशुपालकों को टोकन दिए जाते हैं, जिनके आधार पर क्रमशः चारा का प्रबंध और वितरण किया जाता है. यह व्यवस्था पशुओं को उचित मात्रा में चारा मिलने का भरोसा देती है.
राज्य सरकार की इस योजना के फायदे
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपदा की स्थिति में पशुओं की जान सुरक्षित रहती है और पशुपालक अपने व्यवसाय को निरंतरता से जारी रख पाते हैं. पशु चारा वितरण के माध्यम से पशुओं की सेहत बनी रहती है, जिससे पशुपालन क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता बनी रहती है. बिहार सरकार ने पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, पटना और पशुपालन निदेशालय के माध्यम से इस योजना को पूरी गंभीरता से लागू किया है.
यह योजना न केवल पशुपालकों के लिए सहारा है, बल्कि पशु संरक्षण और कृषि विकास के लिए भी बेहद जरूरी है. इस प्रकार, पशु चारा वितरण कार्यक्रम बिहार के पशुपालन क्षेत्र को मजबूत करने के साथ-साथ पशुओं के जीवन रक्षा में अहम भूमिका निभा रहा है. इसके जरिए राज्य में पशुओं की देखभाल और संरक्षण के लिए एक मजबूत नेटवर्क विकसित किया गया है, जो आपदाओं के दौरान भी प्रभावी रूप से काम करता है.
किसानों के लिए सहायता नंबर
इस योजना से जुड़े सभी महत्वपूर्ण जानकारी, दिशा-निर्देश और सहायता नंबर बिहार सरकार के संबंधित विभागों के द्वारा व्यापक स्तर पर प्रचारित किए जा रहे हैं ताकि हर जरूरतमंद तक इस योजना का लाभ पहुंच सके. अगर किसी भी क्षेत्र में पशुओं के लिए चारा की आपूर्ति में समस्या होती है, तो संबंधित लोग बिहार पशुपालन निदेशालय और पशु स्वास्थ्य संस्थान के टोल फ्री नंबर पर संपर्क कर सकते हैं. इससे विभाग को तत्काल कार्यवाही करने में सहायता मिलती है.
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