कश्मीर का मुद्दा हमेशा से ही ज्वलंत रहा है लेकिन जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है तब से यहां का मुद्दा और ज्यादा सियासी गलियारों में चर्चा का विषय रहा है. अकसर यहां से कोई न कोई ऐसी खबर आती है जो चर्चा का विषय बन जाती है. इन दिनों भी कुछ ऐसी ही खबरें आ रही है जो सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल स्वतंत्रता दिवस पर इस बार आतंकियों और अलगाववादियों के बंद के फरमान का जवाब देने के लिए प्रशासन ने सभी तैयारियों को अंतिम रुप देना शुरु कर दिया है. आतंकियों के प्रभाव वाले इलाकों में सुरक्षा का खाका तैयार किया जा रहा है और इसके लिए सुरक्षाबलों की तैनाती का क्रम भी अगले कुछ ही दिनों में शुरु हो जाएगा.
गौरतलब है कि कश्मीर में आतंकी व अलगाववादी संगठन पाकिस्तान को खुश करने के लिए प्रत्येक वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कश्मीर बंद का एलान करते हैं. जिस वजह से कश्मीर में सिर्फ जिला मुख्यालयों में ही सरकारी स्तर पर ही स्वतंत्रता दिवस समारोह कड़ी सुरक्षा और व्यवस्था के बीच ध्वजारोहण होता है. लेकिन अब सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अलगाववादियों पर शिकंजा कसने के बाद कश्मीर के हालात बदले हैं.
इसी कड़ी में इस बार केंद्र सरकार ने स्थानीय पंच-सरपंचों के साथ मिलकर अलगाववादियों और आतंकियों द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर सुनाए जाने वाले हड़ताल और बंद के फरमान को पूरी तरह नाकाम करने के लिए काम शुरु कर दिया है. मीडिया में आई खबरों मानें तो कश्मीर में पिछले सप्ताह जिन अतिरिक्त 10 हजार केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनात करने का काम किया गया है, वह इसी कार्ययोजना को मूर्तरूप देने के लिए किया गया है. मीडिया में आई खबरों की मानें तो बीजेपी ने भी अपने स्तर पर इस आयोजन को और जोरदार बनाने की तैयारी अभी से शुरू कर दी है. इसके मद्देनजर बीजेपी अपने संगठन से जुड़े लोगों को भी इसे सफल बनाने में जुट जाने को कहा है.
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