भारत बड़ा चावल उत्पादक राज्य है| भारी मात्रा में देश में बासमती चावल का उत्पादन होता है| ऐसे में इसकी गुणवत्ता को परखने के लिए मेरठ में सातवाँ बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान बनाया गया है| इस पर कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सेण्टर का मेरठ में बनना गौरव की बात है, क्योंकि यू.पी. में अभी तक कोई ट्रायल सेण्टर नही था| यह सेण्टर उत्तर प्रदेश में बासमती चावल की खेती को देखते हुए बनाया गया है | अभी तक किसानों को इसके लिए अन्य सेंटर पर जाना पड़ता था| जहाँ पर सैंपल महीनों तक पड़े रहते थे| भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान ने इसके लिए भारतीय चावल अनुसन्धान संस्थान हैदराबाद ने बासमती निर्यात विकास निर्यात प्रतिष्ठान को इसकी स्वीकृति दी है| इसके लिए सात मानको पर खरा उतरना होगा| बासमती प्रजाति की उपज , बासमती प्रजाति की गुणवत्ता, बीमारी से लड़ने की क्षमता, फसल में कीड़े लगने से प्रभाव, बासमती के खेत में पानी की कितनी उपलब्धता है और दूसरी वैरायटी से बासमती का उत्पादन10 से 15 प्रतिशत अधिक होना चाहिए| अभी तक भारत में यह सिर्फ 6 बासमती अनुसन्धान सेंटर थे|
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