21 से 26 दिसंबर के बीच बैंक बंद रहेंगे. सिर्फ 24 दिसंबर को खुलेंगे. जिन लोगों ने चैक, ड्राफ्ट, चालान आदि से भुक्तान लेना है वह आज ही लेन-देन कर लें नहीं तो उन्हें 27 दिसंबर तक इंतज़ार करना पड़ सकता है. ऑल इंडिया कन्फडरेशन ने इस हड़ताल का आयोजन किया है.
इन पांच दिनों में सिर्फ सोमवार 24 दिसंबर को बैंक खुलेंगे. मंगलवार 25 दिसंबर को क्रिसमस की छुट्टी है. और 26 दिसंबर को भी यूनाइटेड फोरम के द्वारा बैंकों में हड़ताल की जाएगी. इस हड़ताल की वजह से लोगों को पैसों की दिक्क़त का सामना करना पड़ेगा. कुछ इलाकों मे बैंककर्मी सरकारी नीतियों के विरोध में रैली निकालेंगे. इस हड़ताल की वजह से नुकसान आम जनता को उठाना पड़ेगा.
बैंक अधिकारियों द्वारा मुख्य मांगें
1. पहली मांग नई पेंशन नीति को बदलकर पुरानी व्यवस्था को दोबारा लागू करने की है.
2. दूसरी मांग बैंक को थर्ड पार्टी के कामों से मुक्त करने पर है कि उसे सिर्फ कोर बैंकिंग का काम ही करने दिया जाए.
3. तीसरी मांग है कि ग्रामीण बैंकों के अधिकारियों को राष्ट्रीयकृत बैंकों की तर्ज पर पेंशन एवं अन्य लाभ दिए जाए.
4. चौथी मांग चार्टर ऑफ डिमांड के अनुरूप वेतन समझौता प्रदान करे को लेकर है.
5. पांचवी मांग बैंकों को 6 दिन की जगह 5 ही दिन का कार्यदिवस दिये जाने को लेकर है.
6. छठी मांग यह है कि स्केल वन से लेकर स्केल सैवन तक के सभी बैंक अधिकारियों को केंद्र सरकार के सभी अन्य कार्यालयों में समान वेतन मिले.
देश के सभी बैंकों के अधिकारी शुक्रवार 21 दिसंबर को 24 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने जा रहे हैं. ऑल इंडिया कंफेडेरेशन द्वारा इस तरह की हड़ताल पहली बार की जाएगी. गुरुवार को बैंक कर्मियों द्वारा रैली भी की जाएगी. इस हड़ताल में क्षेत्रीय ग्रामीण एवं सहकारी बैंकों की शाखाओं को भी शामिल किया गया हैं.
मनीशा शर्मा, कृषि जागरण
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