देश में लगातार बढ़ती महंगाई के चलते आम लोग पहले से ही कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं. वहीं अब इस महंगाई के दौर में आरबीआई (RBI) ने एक बार फिर से अपनी रेपो दर में लगभग 50 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर दी है.
जिसके चलते बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने भी अपनी ब्याज दरों में वृद्धि करना शुरू कर दिया है. इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है. आपको बता दें कि, ब्याज दरों में वृद्धि के चलते होम, ऑटो और पर्सनल लोन बेहद महंगे हो गए हैं.
किन बैंकों ने बढ़ाई ब्याज दरें
आरबीआई की तरफ से रेपो दर में बढ़ोतरी करने के बाद से आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, बैंक आफ इंडिया, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड अपनी ब्याज की दरों में वृद्धि कर दी है.
पीएनबी ने रेपो में 6.90 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.40 प्रतिशत किया और वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी ब्याज दर को 7.40 प्रतिशत कर दिया. इसके अलावा HDFC बैंक ने 0.5 प्रतिशत तक होम लोम में वृद्धि की. साथ ही SBI ने भी ब्याज दर में 7.05 प्रतिशत तक वृद्धि की है.
इंडियन बैंक ने 7.75 प्रतिशत तक और इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) ने 7.75 प्रतिशत ब्याज दर कर दी है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी ब्याज की दर 7.70 प्रतिशत तक किया.
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कई लोग यह सोच रहे होंगे कि यह रेपो दर क्या होती है और अगर RBI इसे बढ़ाता है, तो क्या होता है. दरअसल, आपको बता दें कि जिस पर RBI छोटी अवधि की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकों को कर्ज देता है. उसे रेपो दर कहा जाता है.
RBI ने दो महीने में 2 बार बढ़ाई रेपो दर
पिछले दो महीने में RBI ने दो बार अपनी रेपो दर में वृद्धि की है. जिसके चलते साफ देखा जा सकता है कि, दो महीने के अंदर 90 प्रतिशत तक आधार अंकों की बढ़ोतरी की गई है. पहले RBI ने 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की और फिर बाद में 50 प्रतिशत तक रेपो दरों में बढ़ोतरी की है.
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