अक्सर बुढ़ापे में हम लोग कुछ चीजो से तरस जाते है. कुछ ऐसी इच्छाए होती है जो बुढ़ापे में पैसे के चलते पूरी नही हो पाती. अधिकतर परिवार वाले अपने वृद्ध माता-पिता को परेशान करते है. ऐसे में सरकार ने ऐसा कदम उठाया है कि बुढ़ापे में किसी को परेशानी न हो इसके लिए अटल पेंशन योजना में सरकार द्वारा बुढ़ापे के लिए काफी सुविधाए प्रदान की जा रही है. बुढ़ापे में जरूरतें कम हो जाती हैं मगर खत्म नहीं होतीं. हाथ में कुछ पैसे आते रहें तो बुढ़ापे का वक्त स्वाभिमान से कट जाता है. अगर आप कोई ऐसी नौकरी या काम करते हैं जिसमें पेंशन का कोई इंतजाम नहीं है तो ऐसे लोगों के लिए सरकार ने एक अच्छी योजना बनाई है. इसमें बुढ़ापे में आपको इतनी पेंशन मिल जाएगी कि कुछ जरूरतें पूरी हो सकें. सरकार की अटल पेंशन योजना खासतौर पर ऐसे लोगों के लिए बनाई गई है, जिनके पास अच्छी आय का कोई स्रोत नहीं है. देश के 84 लाख लोगों ने इसे अपनाया है. यह सस्ती है और 100 फीसदी सुरक्षित है.
कैसे बनें इस योजना का हिस्सा
1 अटल पेंशन योजना को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम से 1 जून 2015 को शुरू किया गया था. योजना के तहत 60 की उम्र के बाद 1 हजार से 5000 रुपए पेंशन मिलेगी. पेंशन की रकम इस बात पर निर्भर होगी कि आपका हर महीने योगदान कितना है.
2 18 साल से 40 साल तक के लोग इसमें आवेदन कर सकते हैं.
3 इसके लिए बैंक खाता होना जरूरी है. बैंक से आप अटल पेंशन स्कीम ले सकते हैं. सरकार की मंजूरी के बाद अब पेमेंट बैंक, जैसे एयरटेल पेमेंट 4 बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक के जरिए भी आप यह स्कीम ले सकेंगे.
5 ऐसे लोग जो आयकर के दायरे में आते हैं, सरकारी कर्मचारी हैं या फिर पहले से ही ईपीएफ, ईपीएस जैसी योजनाओं में शामिल हैं वे अटल पेंशन योजना का हिस्सा नहीं बन सकते हैं.
आप हर माह 1000 रूपए की पेंशन चाहते हैं और आपकी आयु 18 वर्ष है, तो आपको 42 साल तक हर माह 42 रुपए जमा करवाने होंगे. वहीं 40 साल की उम्र वालों को 291रुपए 20 साल तक हर माह जमा करवाने होंगे. इसी तरह 2000, 3000, 4000 या अधिकमत 5000 रूपए प्रति माह पेंशन चाहने वालों के लिए उम्र के हिसाब से प्रतिमाह का प्रीमियम देना होगा. आगे पढ़ें स्कीम लेने वाली की मौत हो जाने पर क्या होगा सरकार ने अटल पेंशन योजना के तहत नियमों में कुछ ढील भी दी है. नए नियम के मुताबिक सब्सक्राइबर के जीवनसाथी (पति या पत्नी ) के अधिकार पहले से ज्यादा होंगे. अगर सब्सक्राइबर की अचानक डेथ हो जाती है तो इस स्थिति में जीवनसाथी के पास यह विकल्प होगा कि वह स्कीम के पूरी होने तक उसमें योगदान दे सकेंगे. इस स्थिति में जीवनसाथी को ताउम्र तक उतनी ही पेंशन की रकम मिलती रहेगी, जितनी सब्सक्राइबर को मिलनी थी. अगर सब्सक्राइबर और जीवनसाथी दोनों की डेथ हो जाती है तो नॉमिनी को पेंशन की रकम मिलेगी. यह रकम सब्सक्राइबर के 60 वर्ष की उम्र पूरी होने तक जितनी होगी, उसके आधार पर दी जाएगी.
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