किसानों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए सरकार कई तरह की पहल करती रहती है. किसानों को उनकी फसल से उचित दाम मिल सके. इसके लिए सरकार ने एमएसपी की शुरुआत की, लेकिन कई जगह किसानों को उनकी फसल का अच्छा रिटर्न नहीं मिलता है. इसकी वदह से उनको एमएसपी से कम कीमत पर फसल को बेचना पड़ता है, इसलिए सरकार ने अनाज, दाल, आयलसीड जैसे खाद्य पदार्थ पर एमएसपी लागू की है.
इसी कड़ी में अब सूखा नारियल यानि खोपरा को न्यूनतम समर्थन मूल्य की मंजूरी दे दी है. बता दें कि इसे गिरी भी कहा जाता है. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने सीजन 2022 के लिए खोपरा के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दे दी है.
खोपरा एमएसपी में वृद्धि (Increase In Copra MSP)
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि साल 2022 सीज़न के लिए खोपरा के लिए एमएसपी में वृद्धि सरकार के बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है. इसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय किया गया है."
बता दें कि उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत पर खोपरा मिलिंग (Copra Milling) पर 51.85% और बॉल खोपरा पर 57.73% की वृद्धि की गयी है. खोपरा मिलिंग के लिए मोडल मूल्य (जिस कीमत पर अधिकांश व्यापार होता है) वर्तमान में केरल के विभिन्न बाजारों में 10,000 प्रति क्विंटल है और तमिलनाडु के कांगेयम बाजार में 10,600 है.
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खोपरा का उपयोग (Use of Copra)
इसका सेवन भोजन के रूप में किया जाता है, क्योंकि इसमें प्रोटीन, विटामिन और खनिज जैसे विभिन्न पोषक तत्व होते हैं. इसके तेल का उपयोग खाना पकाने के साथ-साथ बालों के तेल, शैंपू, डिटर्जेंट, मार्जरीन और अन्य उत्पादों के उत्पादन में कच्चे माल के रूप में किया जा सकता है. इसके अलावा इसका इस्तेमाल पूजा पाठ में भी किया जाता है.
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