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केंद्र सरकार ने 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना' की शर्तें जारी कर दी है. अब असंगठित क्षेत्र के 40 वर्ष तक उम्र के सभी मजदूर 15 फरवरी से इस योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण करा सकेंगे. इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपये प्रति महीने पेंशन दी जाएगी. केंद्र सरकार ने 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना' की घोषणा 1 फरवरी को पेश अंतरिम बजट में की थी.
योजना का लाभ
इस योजना में रेहड़ी-पटरी लगाने वालों, रिक्शा चालक, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा, कृषि कामगार, मोची, धोबी, चमड़ा कामगार, घरेलू नौकर, रेहड़ी-पटरी कामगार, मध्याहन भोजन कामगार, ईट-भट्ठा मजदूर, मोची, धोबी, रिक्शा चालक, भूमिहीन मजदूर और निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे मजदूरों जैसा समुदाय शामिल होगा. योजना के तहत पंजीकरण के इच्छुक मजदूरों का कम से कम 18 वर्ष की आयु का होना जरूरी है. उनके पास किसी भी बैंक का एक बचत खाता और आधार कार्ड भी होना चाहिए.
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कितना करना होगा अंशदान
इसके लिए मजदूरों को उनकी उम्र के हिसाब से अपना मासिक योगदान देना होगा. योजना के साथ 18 वर्ष की आयु में जुड़ने वाले कामगार को 55 रुपये मासिक राशि जमा करनी होगी. इतनी ही राशि का योगदान सरकार भी करेगी. अधिक उम्र में योजना से जुड़ने वाले व्यक्ति का मासिक अंशदान भी बढ़ता चला जाएगा. योजना से 29 वर्ष की आयु में जुड़ने वाले कामगार को 100 रुपये मासिक अंशदान करना होगा जबकि 40 वर्ष की आयु के व्यक्ति को योजना अपनाने पर 200 रुपये प्रति माह का अंशदान करना होगा. योजना के तहत 60 वर्ष की आयु होने तक अंशदान करना होगा.
इन्हें नहीं मिलेगा लाभ
मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक यह पेंशन योजना उन मजदूरों के लिए नहीं है, जो नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस), इंप्लॉईज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन स्कीम (ईएसआइसीएस) या इंप्लॉईज प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) योजना के तहत पंजीकृत हैं.
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मौत होने पर क्या होगा
'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना' में यह भी प्रावधान होगा कि यदि कोई मजदूर नियमित रूप से अंशदान करता रहा है और किसी वजह से बाद में उसकी मौत हो जाती है तो उसकी पत्नी योजना को आगे बढ़ाने की पात्र होगी. वह आगे नियमित रूप से योजना में अंशदान कर सकती है. लाभार्थी की पत्नी अथवा पति अंशदाता की मृत्यु होने पर योजना से यदि बाहर होना चाहते हैं तो वह किए गए कुल अंशदान पर ब्याज सहित पूरी राशि को प्राप्त कर सकते हैं और योजना से बाहर हो सकते हैं.
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