
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) में 17-18 मार्च को खरीफ फसलों के लिए विशेष कृषि मेले का आयोजन किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुलपति प्रो. बीआर कांबोज ने बताया कि इस वर्ष मेले का मुख्य विषय 'कृषि में उद्यमिता को बढ़ावा देना' होगा. इस मेले के माध्यम से किसानों को कृषि क्षेत्र में व्यवसायिक अवसरों के बारे में जागरूक किया जाएगा और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
इस कार्यक्रम में कृषि विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, सरकारी अधिकारियों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों की भागीदारी भी होगी, जिससे किसानों को महत्वपूर्ण जानकारियां और नए तकनीकी नवाचारों की जानकारी मिल सकेगी.
किसानों को मिलेगा लाभ
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने बताया कि यह मेला विश्वविद्यालय के गेट नंबर-3 के सामने मेला ग्राउंड पर लगाया जाएगा. किसानों को कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सिफारिश की गई खरीफ फसलों के उन्नत बीज और बायोफर्टिलाइजर उपलब्ध करवाए जाएंगे.
इसके अलावा, कृषि साहित्य भी किसानों को प्रदान किया जाएगा ताकि वे नवीनतम तकनीकों और कृषि प्रथाओं से अवगत हो सकें. किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों से परिचित कराने के लिए इस मेले में कई कार्यशालाएं और प्रदर्शनियों का आयोजन भी किया जाएगा, जिनमें वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ सीधे संवाद करने का अवसर मिलेगा.
मेले में किसानों की सुविधा के लिए विभिन्न सरकारी बीज एजेंसियों के सहयोग से बिक्री काउंटर भी स्थापित किए जाएंगे. किसानों को कृषि, पशुपालन और गृह विज्ञान से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए प्रश्नोत्तरी सभाओं का आयोजन भी किया जाएगा. इन सत्रों में किसान अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे और उन्हें उन्नत खेती की तकनीकों, जैविक खेती, और स्मार्ट खेती के तरीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी.
प्रदर्शनी और स्टॉलों की बुकिंग
सह निदेशक (विस्तार) डॉ. कृष्ण यादव ने बताया कि कृषि मेले में एक भव्य एग्रो-इंडस्ट्रियल प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जहां कृषि उपकरण, खाद, बीज, और अन्य नवाचारों को प्रदर्शित किया जाएगा. प्रदर्शनी में लगभग 250 स्टॉलें लगाई जाएंगी, जिनकी बुकिंग 3 मार्च (सोमवार) से शुरू हो चुकी है. स्टॉलों का आवंटन 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर किया जाएगा, जिसमें प्राइवेट कंपनियों को भी भाग लेने का अवसर मिलेगा.
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