लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने 67वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया. इस मौके पर किसान सम्मेलन, प्रशिक्षण व जागरूकता कार्यक्रम, मशीन प्रदर्शन मेला एवं किसान सम्मान समारोह का आयोजन किया गया.
इस कार्यक्रम में बीते 66 वर्षों के सफर पर प्रकाश डाला गया. इन सालों में संस्थान के प्रयासों के कारण गन्ने के अंतर्गत क्षेत्र, उत्पादन, उपज व चीनी परता में क्रमशः 2.55, 4.06, 1.82 तथा 1.11 गुना वृद्धि दर्ज की गई है. गन्ना किसानों की आय को दोगुना करने के लिए अभी भी संस्थान को गन्ना उत्पादकता को 72.3 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 78.8 टन प्रति हेक्टेयर और चीनी परता 10.61 से बढ़ाकर 11 टन प्रति हेक्टेयर करने की जरूरत है. इस कार्यक्रम के मुख्य अथिति ने संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान के प्रयासों से ही आज उत्तर प्रदेश देश का सबसे बडा चीनी उत्पादक राज्य बन गया है.
भाकृअनुप – भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान निदेशक डॉ. अश्विनी दत्त पाठक ने संस्थान की 66 सालो के सफर के बारे में बताया. उन्होंने अपने संस्थान के कर्मचारियों को चीनी उद्योग में उभरती हुई नई चुनौतियों का सामना करने एवं किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए शोध कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का आवाहन किया.इस मौके पर प्रगतिशील किसानों को पुरुस्कार एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. इस मौके पर विभिन्न श्रेणियों में संस्थान के दस कर्मचारियों को सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी का पुरस्कार तथा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया.
इस मौके पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (कृषि यंत्र एवं मशीनरी) तथा अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (कटाई उपरांत प्रोध्योगिकी) के अंतर्गत संस्थान द्वारा विकसित गन्ना खेती यंत्रों एवं प्रोध्योगिकी के प्रदर्शन के लिए प्रौद्योगिकी एवं मशीनरी प्रदर्शन मेला का भी आयोजन किया गया, जिसमें यंत्रों का चालित प्रदर्शन कर किसानों को प्रत्यक्ष रूप से यंत्रों के कार्य विधि, निष्पादित किए जाने वाले कार्यों, क्षमता, लागत एवं लाभ पर विस्तृत जानकारी विभागाध्यक्ष (कृषि अभियंत्रण), डॉ. एके सिंह द्वारा दी गयी.
इस मौके पर पौध किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण पर कृषक प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र, लखनऊ द्वारा संचालित किया गया किसानों को इस अधिनियम के अंतर्गत उनके अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई. डॉ. डीआर मालवीय, विभागाध्यक्ष (फसल सुधार) तथा आयोजन सचिव ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया. इस कार्यक्रम में 400 से अधिक किसानों ने भाग लिया.
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