भारत पुराने समय से ही देश-विदेश में अपने अनोखे तरीकों को लेकर जाना जाता है. पहले से ही हमारे देश के कृषि उत्पादों को दुनियाभर में पसंद किया जाता है. देखा जाए तो आज के समय में भारत के प्रोसेस्ड और रेडी-टू-ईट फूड (Processed and ready-to-eat foods) भी विदेशियों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं.
इस संदर्भ में वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) ने देश में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात के ताजा आंकड़े साझा किए हैं, जिसके मुताबिक, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात 13 प्रतिशत से बढ़कर 19.69 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जिसमें सबसे अधिक विदेशों में चीनी, बासमती और गैर बासमती चावल के निर्यात में ग्रोथ दर्ज की गई है, तो आइए एक नजर बढ़ें आकड़ों पर डालते हैं.
बासमती, गैर-बासमती चावल
मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2022-23 में बासमती चावल का निर्यात 40.26% की ग्रोथ के साथ 3.33 अरब डॉलर तक हुआ और साथ ही गैर-बासमती चावल का निर्यात 3.35% से बढ़कर 4.66 अरब डॉलर तक हुआ.
गेहूं निर्यात
गेहूं निर्यात की बात करें तो साल 2022-23 में गेहूं की ग्रोथ 4 प्रतिशत तक बढ़ोतरी देखी गई है. देखा जाए तो साल 2021-22 में 145.2 करोड़ डॉलर का गेहूं निर्यात किया और फिर अप्रैल-दिसंबर 2022 में 4 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ 150.8 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया है.
फल-सब्जी में भी हुई बढ़ोतरी
भारत की मिट्टी में उगाए गए फल और सब्जी को भी विदेशों में बहुत ही ज्यादा पसंद किया जा रहा है. आकड़ों को मुताबिक, दुनियाभर में भारतीय फल-सब्जियों के निर्यात में 242 अरब डॉलर से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 436 अरब डॉलर तक हो गया है. बता दें कि यह आकड़ा अप्रैल-दिसंबर 2021-22 का है.
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पोल्ट्री व डेयरी उत्पादों के निर्यात का आकड़ा
आपकी जानकारी के लिए बात दें कि, चालू वित्त वर्ष में पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में 91.70 प्रतिशत और अन्य अनाजों के निर्यात में 13.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. चालू वित्त वर्ष में कुक्कुट उत्पादों का निर्यात पिछले वर्ष के इसी महीनों के 50 मिलियन अमरीकी डालर से बढ़कर 95 मिलियन डालर तक हो गया है. ठीक इसी तरह, डेयरी उत्पादों ने 19.45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, क्योंकि अप्रैल-दिसंबर 2022 में इसका निर्यात बढ़कर 471 मिलियन डालर तक पहुंच गया, जो पिछले साल 395 मिलियन अमरीकी डालर तक रहा था.
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