भारत को किसानों का देश (कृषि प्रधान देश) कहा जाता है, क्योंकि यहां के लोगों का मुख्य तौर पर प्राथमिक आय स्रोत कृषि ही है. इस समय देश में लॉकडाउन लगा हुआ है. इस लॉकडाउन जैसी हालात में किसान अपनी परवाह न करके देशवाशियों के पेट भरने के लिए फल सब्जी और अन्न उत्पादन का काम कर रहा है. बता दें, इस बार कुदरत की मार किसानों पर ऐसी पड़ी है कि किसान की खेतों में पकी हुई फसल पिछले महीने विभिन्न तिथियों को तूफ़ान, बारिश और ओलबृष्टि के चलते नष्ट हो गई.
एक निजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब प्रांत के गोहाना गांव के लाठ के किसानों के सामने ऐसी स्थित आ चुकी है की वे अपनी फसल को तबाह करने में मजबूर हो गए है. बता दें, ये किसान ऐसा इसलिए कर रहें हैं क्योंकि मार्च माह में बेमौसम बरसात और ओले गिरने के कारण फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है.
गोहाना गांव के किसानों ने जब पिछले माह जब अपने खेत में जाकर देखा तो उन्हें अपनी पकी हुई फसल में एक भी दाना नहीं पाया और पाया तो न के बराबर. इस प्राकृतिक मार के बाद किसानों के फसलों में जितने दाने बचे थे किसान उनसे अपनी लागत भी नहीं निकाल सकता जिसके चलते किसान मायूस होकर घर चले आये और ट्रैक्टर से अपनी फसल को तबाह कर दिया. जिस गेहूं की फसल को अन्नदाता से उम्मीद थी अब किसान वही फसल अपने हाथों तबाह करने में तुला हुआ है.
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