ट्रैक्टर को व्यवसायिक वाहनों की श्रेणी में किए जाने के विरोध में सिरसा से इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला संसद भवन पहुंचे। शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने के लिए वे किसी कार या मोटरसाईकिल पर नहीं बल्कि ट्रैक्टर पर सवार होकर आए। उनके साथ ट्रैक्टर पर सांसद चरणजीत सिंह रोणी भी सवार थे।
उन्होंने कहा कि, सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर ट्रैक्टर को नॉन ट्रांसपोर्ट से ट्रांसपोर्ट व्हीकल में लाने की है तो क्यों न ट्रैक्टर पर ही संसद भवन जाया जाए। इस अधिसूचना के विरोध में दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार का यह निर्णय किसानों के खिलाफ है। इस निर्णय के बाद किसानों को ट्रैक्टर का भी टोल टैक्स देना पड़ेगा।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इससे पहले वे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी मिले थे। इस मुलाकात में में उन्होंने आश्वासन दिया था कि वे जल्द इस अधिसूचना को वापिस लेगी। उन्होंने कहा कि, ट्रैक्टर को व्यवसायिक वाहन घोषित न किया जाए ये हमेशा से इनेलो मांग कर रही है।क्योंकि ऐसा करने से न केवल ट्रैक्टर पंजीकरण, प्रदूषण और व्यसायिक वाहनों पर लागू होने वाले अन्य सभी नियमों के अंतर्गत आ जाएगा, जिससे ट्रैक्टरों की कीमतें भी प्रति यूनिट 50 से 60 हजार रुपए बढ़ जाएंगी।
हालांकि, ट्रैक्टर लेकर पहुंचे सांसद दुष्यंत चौटाला को सुरक्षा कर्मियों ने संसद भवन के परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया। आपको बता दें कि, 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलने वाले इस 22 दिवसीय शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। यह सत्र अवकाशीय दिनों को छोड़ कर मात्र 14 दिनों तक ही चलने वाला है।
आखिर क्यों दुष्यंत चौटाला ट्रैक्टर पर सवार होकर गए संसद...
ट्रैक्टर को व्यवसायिक वाहनों की श्रेणी में किए जाने के विरोध में सिरसा से इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला संसद भवन पहुंचे। शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने के लिए वे किसी कार या मोटरसाईकिल पर नहीं बल्कि ट्रैक्टर पर सवार होकर आए। उनके साथ ट्रैक्टर पर सांसद चरणजीत सिंह रोणी भी सवार थे।
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