देशभर में अभी तक लंपी वायरस के कहर से पशुओं को निजात नहीं मिली थी. वहीं अब एक और नए वायरस ने पशुओं और पशुपालकों दोनों के लिए एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया है. आपको बता दें कि पशुओं में इस बार अफ्रीकन स्वाइन फीवर का खतरा लगातार मडराता जा रहा है, जिसके चलते पशुपालक बेहद परेशान दिखाई दे रहे हैं. इस वायरस ने राजस्थान सुअरों को सबसे पहले अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक, राजस्थान में अब तक भारी संख्या में अफ्रीकन स्वाइन फीवर ने सुअरों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, जिसके चलते कई जिलों में इस वायरस को लेकर अलर्ट भी जारी किया गया है. अफ्रीकन स्वाइन फीवर से पशुओं को बचाने के लिए पशुपालक भाइय़ों को कोई उपाय नहीं सूझ रहा है.
कई सुअरों को मारकर दफना दिया
अफ्रीकन स्वाइन फीवर की चपेट में आने के बाद सुअरों को बचाने के लिए पशुपालक भाइयों को कोई रास्त नहीं सुझ रहा है, तो वह इसके लिए अपने नजदीकी पशु चिकित्सा विभाग की टीम से संपर्क कर रहे हैं. ताकि वह इसका हल निकाल सके. लेकिन देखा जाए तो इसका अभी तक कोई हल नहीं मिला है.
बता दें कि राजस्थान के लगभग सभी जिलों में पशु चिकित्सा विभाग की टीम घर-घर जाकर संक्रमित पशुओं की जांच में जुटी हुई है. इस वायरस से अधिक संक्रमित पशुओं को पशुपालन विभाग की टीम पकड़ कर बेहोश कर रही है और फिर बाद में उन्हें मारकर दफना रही है. ताकि बाकी पशु इसकी चपेट में न आ जाए.
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4 सैंपल में की गई वायरस की पहचान
इस वायरस की पहचान करने के लिए पशुपालन विभाग के अधिकारियों की टीम ने अलग-अलग पशुओं के सैंपल को भरकर जांच के लिए लैब में भेजा, तो उसमें इस खतरनाक अफ्रीकन स्वाइन वायरस की पुष्टि की गई है. बताया जा रहा है कि जांच के दौरान पहले 4 सुअरों में यह वायरस मिला है, जिसके बाद से ही राजस्थान के सभी जिलों में सघन जांच अभियान चलाया गया. इसके लिए अधिकारियों ने अपनी सभी टीम को निर्देश दिए कि जिन भी स्थान पर अफ्रीकन स्वाइन फीवर वायरस से पशु संक्रमित मिले उसके लगभग 1 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले सभी पशुओं की सही तरीके से जांच की जाए.
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