कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना के प्रभारी वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ० आशीष त्रिपाठी, डॉ० आर0पी0 सिंह, डी0पी0 सिंह एवं रीतेश बागोरा द्वारा कृषक प्रक्षेत्रों का भ्रमण कर कृषकों को सलाह दी कि बारिश न होने तथा ड्राई स्पेल के कारण फसलें नमी की कमी से प्रभावित होने की दशा में जीवन रक्षक सिंचाई स्प्रिंकलर से करें. नमी संरक्षण हेतु व्हील हो अथवा कुल्फा चलाकर निंदाई-गुड़ाई करें.
वर्षा न होने के पश्चात् पर्याप्त नमी होने पर ही खरपतवारनाशी का छिड़काव करें. सोयाबीन, उर्द में चैड़ी व सकरी पत्ती के खरपतवार नियंत्रण हेतु इमेजाथापर 10 प्रतिशत एक लीटर अथवा पूर्व मिश्रित खरपतवारनाशी इमेजामोक्स की 80 ग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर के मान से 500 ली0 पानी में घोलकर छिड़काव करें।
इसी प्रकार तिल में क्विजेलोफाॅप इथाईल अथवा फिनोक्सीप्राप ईथाईल की 750 मि0ली0 मात्रा प्रति हे0 छिड़काव करें। सब्जियों की रोपाई मेंड बनाकर करें तथा रोपाई पूर्व स्यूडोमोनास अथवा ट्राईकोडर्मा विरडी से जड़ों का उपचार करें तथा जल निकास की उचित व्यवस्था करें। वहीं कृषकों को बताया कि टमाटर मिर्च, बैगन के अच्छे प्रजाति के पौधे कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना से तैयार ले जाएं एवं समय पर ले जाकर अपने खेतों में लगायें.
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