कपास की खेती के लिए आज देश-विदेश के किसान भाई तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. क्योंकि आज के आधुनिक समय में कपास की मांग बाजार में सबसे अधिक है. किसानों के मुनाफे को बढ़ाने का यह सबसे अच्छा साधन है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कपास पर मिलने वाली न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है.
केंद्र सरकार द्वारा जारी एक निर्देश के अनुसार, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को कपास बेचने वाले किसानों को विशिष्ट पहचान, आधार प्रस्तुत करना होगा. बता दें कि तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों ने MSP या अन्य धान प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए किसानों द्वारा आधार प्रस्तुत करने को पहले ही लागू कर दिया है.
कपड़ा मंत्रालय द्वारा 17 अप्रैल,2023 को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, "योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र व्यक्ति को आधार संख्या रखने या आधार प्रमाणीकरण से गुजरने का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा." यह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने की तारीख से प्रभावी होगा. 2022-23 खरीफ सीजन (Kharif Season 2022-23) के लिए मीडियम स्टेपल कॉटन के लिए एमएसपी 6,080 रुपये है, जबकि लॉन्ग स्टेपल कॉटन के लिए एमएसपी (MSP) 6,380 रुपये है.
मिली जानकारी के मुताबिक, कपास की सेवाओं, लाभों या सब्सिडी वितरण के लिए एक पहचान दस्तावेज के रूप में आधार का उपयोग सरकारी वितरण प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है. साथ ही यह पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाता है और लाभार्थियों को उनकी पात्रता सीधे सुविधाजनक और निर्बाध तरीके से प्राप्त करने की आवश्यकता को समाप्त करने की अनुमति देता है.
कपड़ा मंत्रालय कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा बीज कपास की खरीद (Purchase of Seed Cotton) का प्रबंधन करता है, जिसका लक्ष्य एमएसपी से नीचे गिरने पर मूल्य प्रदान करना है. योजना के तहत कार्यान्वयन एजेंसी योजना और प्रकाशित निर्देशों के अनुसार किसानों से खरीदे गए कपास के लिए किसानों को एमएसपी का भुगतान करती है. योजना के लाभ में भारत की संचित निधि (सीएफआई) से आवर्ती व्यय शामिल हैं, यही कारण है कि केंद्र सरकार ने इस संदर्भ में यह सूचना जारी की.
आधार न होने पर ऐसे मिलेगा लाभ
यदि किसान के पास पहले से आधार नहीं है, लेकिन उसने आधार के लिए आवेदन किया है, तो उसे पहचान के किसी भी दस्तावेज के साथ आधार नामांकन पहचान पर्ची प्रस्तुत करनी होगी. राजपत्रित अधिकारी या तहसीलदार द्वारा आधिकारिक लेटरहेड पर जारी फोटो, स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस या फोटो के साथ पहचान का प्रमाण पत्र के साथ बैंक या डाकघर पासबुक आदि का होना जरूरी है.
जब लाभार्थियों के अपर्याप्त बायोमेट्रिक्स या किसी अन्य कारण से आधार प्रमाणीकरण विफल हो जाता है. परिणामस्वरूप, यदि फिंगरप्रिंट की गुणवत्ता कम है, तो प्रमाणीकरण के लिए आइरिस स्कैन या फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा का उपयोग किया जाएगा. अगर उंगलियों के निशान, आंख की पुतली या चेहरे से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण सफल नहीं होता है, तो आधार ओटीपी के माध्यम से प्रमाणीकरण की पेशकश की जाएगी.
ऐसी परिस्थितियों में जब बायोमेट्रिक या आधार ओटीपी प्रमाणीकरण उपलब्ध नहीं है, तो योजना के तहत लाभ भौतिक आधार पत्र की प्रामाणिकता के आधार पर दिया जा सकता है, जिसे आधार पत्र पर लिखे त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड का उपयोग करके मान्य किया जा सकता है.
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