भौगोलिक संकेत (GI Tag) उत्पादों के लिए बहुत ही अहम भूमिका निभाता है. दरअसल यह टैग उन सामानों को दिया जाता है, जो अपने स्थान के नाम से दुनियाभर में अपनी एक अलग पहचान बनाते हैं. बता दें कि यह उत्पाद अपनी क्वालिटी, मूल, प्रोडक्शन या फिर अपनी प्रतिष्ठा के लिए जाने जाते हैं. तभी इन्हें यह टैग दिया जाता है.
आपको बता दें कि हाल ही में भारत सरकार ने देश के करीब 4 राज्यों के 9 उत्पादों को GI Tag दिया है, जिसमें से 8 उत्पाद कृषि क्षेत्र के हैं. तो आइए इस खबर में जानते हैं कि किन राज्यों को कितने GI टैग दिए गए हैं और किन-किन उत्पादों पर यह टैग दिए हैं. यह जीआई टैग अगले 10 सालों तक के लिए मान्य होता है. इसके बाद इसे फिर से रिन्यू किया जाता है.
केरल को मिला सबसे अधिक GI Tag (Kerala got maximum GI tag)
इस साल यानी वर्ष 2022 में सबसे अधिक GI Tag केरल को दिए गए हैं. इसके अलावा इस टैग के लिए लद्दाख, असम, महाराष्ट्र और तेलंगाना ने भी अपने उत्पादों का पंजीकृत किया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब तक भारत में GI Tag की संख्या 432 तक पहुंच चुकी है, जिसमें से भारत के 401 देसी उत्पाद और बाकी शेष विदेशी उत्पादों को दिया गया है.
भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को भी बासमती चावल (Basmati Rice) के लिए जीआई टैग मिल चुका है. ये बात बहुत ही कम लोग जाते हैं. दिल्ली जैसे शहर में कृषि कैटेगरी के लिए GI Tag मिलना बहुत बड़ी बात है. क्योंकि खेती-किसानी में दिल्ली का नाम बहुत ही कमा लिया जाता है. इसकी जगह दिल्ली के आस-पास सट्टे राज्यों को खेती-किसानी के लिए सबसे अधिक जाना जाता है.
GI टैग की लिस्ट पर एक नजर
राज्य के नाम (state name) |
GI Tag वाले उत्पाद (GI Tag Products) |
असम |
असमिया गमोचा |
लद्दाख |
रक्तसे कार्पो खुबानी |
महाराष्ट्र |
अलीबाग सफेद प्याज |
तेलंगाना |
तंदूर रेड ग्राम |
केरल |
अट्टापदी थुवारा- चना |
केरल |
कंथलूर वट्टावाड़ा वेलुथुल्ली- लहसुन |
केरल
|
कोडुंगल्लूर पोट्टा बेलारी- स्नैप मेलन |
केरल |
अट्टापडी अट्टुकोंबु अवारा- डोलिचोस बीन्स |
केरल |
ओनाटुकारा एलु- तिल |
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