दिल्ली में आयोजित पूसा कृषि विज्ञान मेला 2023 में किसानों के कार्यों को सुविधाजनक बनाने के लिए कई आधुनिक तकनीकों से कृषकों को रूबरू करवाया गया.
इसी कड़ी में 2 से 4 मार्च 2023 तक चलने वाले इस कृषि विज्ञान मेले में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा (ICAR) द्वारा किसानों के लिए कृषि यंत्रों को प्रदर्शित किया गया. इन्हीं में से एक कृषि यंत्र “पूसा मिनी इलेक्ट्रिक एग्री प्राइम मूवर” भी है. इसी कृषि यंत्र के बारे में हम इस लेख में विस्तार से जानेंगे और साथ ही ये भी जानेंगे की किसानों के लिए ये कैसे लाभकारी है.
पूसा मिनी इलेक्ट्रिक एग्री प्राइम मूवर का महत्व
उपयोगिता : मध्यम कृषि कार्य जैसे द्वितीय भूपरिष्करण, पाटा लगाना,मेंड़ बनाना, बुवाई, निराई-गुड़ाई, आदि हेतु
क्षमता : 1 एकड़ प्रति दिन निराई-गुड़ाई (दो-सेट बैटरी के साथ)
ऊर्जा स्रोत : 24 वोल्ट 24 एम्पीयर-घंटा : 450 वाट 24 वोल्ट डीसी मोटर
मूल्य: 50,000 रुपये
सार्थकता : यह मिनी प्राइम मूवर एक हेक्टेयर वाले किसान हेतु उपयुक्त है. महिला कृषक भी आसानी से चला सकती है. इससे लगभग 80 प्रतिशत ड्रजरी कम हो सकती है और प्रति घंटा आधे लीटर डीजल की बचत होती है.
पूसा मिनी इलेक्ट्रिक एग्री प्राइम मूवर की खासियत विस्तार से जानें-
पूसा मिनी इलेक्ट्रिक एग्री प्राइम मूवर (Pusa Mini Electric Agri Prime Mover) में 450 W DC मोटर, 800W मोटर कंट्रोलर, 24V/24/284b बैटरी पावर पैक, पावर ट्रांसमिशन यूनिट, ड्राइव व्हील, C-टाइप चेसिस, हैंडल, ऑन-ऑफ स्विच, एक्सीलरेटर ऑन हैंडल और रियर सेंट्रल हिच सिस्टम शामिल हैं.
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यह मशीन 1.5 से 2.0 किमी/घंटा की गति से संचालित होती है और ऑपरेटर एक दिन में लंबे समय तक विभिन्न ऑपरेशन करता है. यह एक घंटे में 570 वर्ग मीटर चौड़ी बुवाई (450 मिमी से अधिक पंक्ति रिक्ति) वाली फसलों को कवर करता है. फुल चार्ज बैटरी लोड के अनुसार लगभग 2.5 से 3 घंटे तक काम करती है. वीडर से हाथ से निराई की तुलना में ऑपरेटर का कार्यभार 85% तक कम हो जाता है. यह विकसित मिनी इलेक्ट्रिक एग्री प्राइम मूवर मानव की दक्षता को 4 गुना तक बढ़ा देता है. इस मशीन का लाइसेंस एम/एस वेंकटेश एग्रो इंजीनियरिंग वर्क्स, जालना, महाराष्ट्र (M/S Venkatesh Agro Engineering Works, Jalna, Maharashtra) को पांच साल के लिए दिया गया है.
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