Drone: आज के दौर में ड्रोन कृषि क्षेत्र में काफी उपयोगी साबित हो रहे हैं. देखा जाए तो ड्रोन के चलते किसानों के कई बड़े कार्य आसान हो गए है. भारत सरकार के द्वारा भी कृषि के क्षेत्र में तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार कृषि ड्रोन योजना चला रही है, जिसकी खरीद पर किसानों को सब्सिडी भी उपलब्ध करवाई जाती है. किसान भी ड्रोन की ट्रेनिंग/ Drone Training लेकर इस तकनीक को तेजी के साथ खेती में अपना रहे हैं. क्योंकि इसकी मदद से समय के साथ-साथ श्रम की भी बचत होती है.
हरियाणा कृषि विभाग/ Haryana Agriculture Department ने हाल ही में अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ड्रोन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी किसानों के लिए साझा की है. ताकि किसान ड्रोन की उपयोगिता/ Utility of Drone को समझकर इसे सरलता से अपना सके.
ड्रोन बनाए किसान का काम आसान
हरियाणा कृषि विभाग के द्वारा जारी किए गए टिट्वर के मुताबिक, कृषि में ड्रोन के चलते किसानों का काम बहुत ही ज्यादा आसान बन गया है. जैसे कि-
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किसानों के समय और श्रम की बचत होती है.
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ड्रोन की मदद से किसान अपनी फसल नुकसान के आकलन में सहायक है.
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ड्रोन खेत एवं फसल स्वास्थ्य की निगरानी सरलता से कर सकता है.
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ड्रोन खरपतवार एवं कीटों से प्रभावित क्षेत्रों का पता लगाने में सक्षम है.
ड्रोन बनाए किसान भाइयों का काम आसान
— Dept. of Agriculture & Farmers Welfare, Haryana (@Agriculturehry) January 12, 2024
• समय और श्रम की बचत
• फसल नुकसान के आकलन में सहायक
• खेत एवं फसल स्वास्थ्य की करे निगरानी
• खरपतवार एवं कीटों से प्रभावित क्षेत्रों का लगाए पता pic.twitter.com/487HTLnoiR
ड्रोन क्या है/What is a drone?
जानकारी के लिए बता दें कि ड्रोन एक मानव रहित छोटा विमान है जिसे दूर स्थान से ही आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है. ड्रोन में एक जीपीएस आधारित नेविगेशन सिस्टम, कई तरह के सेंसर और एक नियंत्रक होता है.यह बैटरी आधारित ऊर्जा पर काम करता है. इस पर अंतिम उपयोग के आधार पर कई तरह के उपकरण जैसे कि कैमरा, कीटनाशक छिड़काव यंत्र आदि भी लगे होते हैं.
ड्रोन पर मिलने वाली सब्सिडी/Subsidy on Agri Drone
सरकार कृषि ड्रोन की खरीद पर अनुसूचित जाति-जनजाति, लघु और सीमांत, महिलाओं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को ड्रोन लागत की 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपए की सहायता राशि देती है.
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वहीं, अन्य किसानों को 40 प्रतिशत अथवा अधिकतम 4 लाख रुपए की सहायता राशि के तौर पर दी जाती है. ताकि किसान इसे सरलता से खरीदकर अपने खेती-किसानी के कार्यों को समय पर पूरा कर सके.
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