उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को 70 फीसदी सब्सिडी पर सोलर पंप देगी. इस वित्त वर्ष से ही यह योजना शुरू की जाएगी. योजना के तहत सिंचाई के लिए प्रदेश भर में कुल 10,000 सौर पंप दिए जायेंगे. 'पहले आओ-पहले पाओ' के आधार पर किसान इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं. सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा संचालित पंप सेट, बिजली और डीजल पंप प्रणाली का उभरता हुआ विकल्प है.
सौर पंप वोल्टिक सिंचाई पंप योजना
सरकार 'सौर पंप वोल्टिक सिंचाई पंप योजना' के तहत डीसी पंपों के लिए पंप की क्षमता के अनुसार वित्तीय सहायता देगी. दो एचपी (2 HP) की क्षमता वाले पंप के लिए 50,820 रुपये की जबकि दो से पांच एचपी की क्षमता वाले पंप के लिए 80,996 रूपये का अनुदान दिया जाएगा. शेष राशि किसानों को जमा करानी होगी.
इसके साथ ही एसी (AC) द्वारा चालित दो एचपी की क्षमता वाले पंप के लिए 51,840 रुपये की अनुदान राशि निर्धारित करेगी. 2 से 5 HP वाले पंप के लिए 77,700 रुपये की मदद दी जाएगी.
योजना का लाभ लेने के लिए 15 नवंबर से 10 दिसंबर के बीच आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए किसानों को अपने हिस्से की राशि के बैंक ड्राफ्ट के साथ कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा.
छोटे और सीमांत किसान
स्कीम के अंतर्गत छोटे और सीमांत किसानों को 2-3 एचपी के सौर पंप जबकि 10-15 एकड़ के बीच जमीन रखने वाले किसानों को 5 एचपी पंप दिए जाएंगे. 2 एचपी पंप पर 70 फीसदी और 5 एचपी पंप के लिए 40% सब्सिडी का प्रावधान किया गया है.
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी में अपने बजट भाषण में कहा था कि भारत सरकार किसानों को सिंचाई में सौर पंप के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करेगी. साथ ही राज्य सरकारों को बिजली उपयोगिताओं के लिए एक तंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वे सौर ऊर्जा को निर्धारित दरों पर खरीद सकें.
सौर संचालित पंपों को आमतौर पर दिन में चलाया जाता है इसलिए किसानों को रात में काम करने की जरुरत नहीं होती है. यह उन किसानों के लिए भी वरदान है जो बिजली कनेक्शन नहीं पा रहे हैं.
सौर पंप, बिजली वितरण कंपनियों पर सब्सिडी के बोझ को काम करने में सहायक होंगे जिससे इन कंपनियों को अधिक मुनाफा होगा.
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