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मेरी माँ

एक दुआ है मेरी उस ईश्वर से जिसने तुझे बनाया , कभी न करना दूर किसी बच्चे से उसकी माँ का साया.

निशा थापा
निशा थापा
maa
maa

चिड़ियाओं की चहचहाट से पहले तुने जगना सिखाया,

भूख लगने से पहले तुने खाना खिलाया.

जो मिलता है सुकून तेरी बाहों में माँ,

नहीं मिला वो सुकून पुरे जाहान में माँ.

यूं तो सबको भी नहीं मिलता है तेरा प्यार माँ,

और जिसको भी मिला उसे खुद पर नाज़ है माँ.

न तुने कभी खलने दी किसी की कमी,

दोस्त बनकर हमेशा साथ रही.

पापा की डांट से हमेशा बचाना,

फिर अपनी जवानी के किस्से सुनना,

भूख सुनते ही स्वादिष्ट खाना बनाना,

और मेरे दोस्तों को भी अपना बनाना.

तेरे लिए तो खुदा से भी लड़ सकती हूँ,

लेकिन तेरी अहमियत यहाँ बयां नहीं कर सकती हूँ.

यह भी पढ़ें: सीडीएस जनरल बिपिन रावत को कविता के माध्यम से श्रद्धांजलि

एक दुआ है मेरी उस ईश्वर से जिसने तुझे बनाया ,

कभी न करना दूर किसी बच्चे से उसकी माँ का साया.

कवयित्री - निशा थापा

English Summary: poem on maa Published on: 20 September 2022, 05:57 IST

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