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मेवा जिसे अंग्रेजी में dry fruits भी कहते हैं. हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक होती है और इसके सेवन से हमें कई प्रकार के फायदे होते हैं. इसी मेवा की श्रेणी में बादाम आता है, लेकिन आज हम बादाम की एक ऐसी किस्म के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो कि जंगली बादाम के नाम से जानी जाती है. यह बड़ी ही मुश्किल से मिलती है और सामान्य बदाम से ज़्यादा लाभदायक होती है.
जंगली बादाम समुद्रीय इलाके में पाई जाने वाली एक ऐसी किस्म है, जिसका पौधा समुद्र के तटीय इलाकों में ऊंचाई पर पाया जाता है. जंगली बादाम के फल चपटे, नुकीले-अण्डाकार होते हैं और इनके किनारे लाल और बैंगनी रंग के होते हैं. इसके प्रत्येक फल में एक बीज होता है. साल के हर सीजन में इसमें फल और फूल उगते रहते हैं.
विभिन्न भाषाओं में जंगली बादाम के नाम
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संस्कृत : क्षुद्रवाताम, ग्रहद्रुमा
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उड़िया: देसीयोबदामो (Desiyobadamo)
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कन्नड़ा: टारी (Taree)
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तमिल: कटापांग (Katapang)
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नेपाली: काठे बादाम (Kaathe badaam)
जंगली बादाम के फ़ायदे और औषधीय गुण
आयुर्वेद के विशेषज्ञों के अनुसार जंगली बादाम से कई प्रकार के फ़ायदे होते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं
सिर दर्द में है सहायक
अगर आप अक्सर होने वाले सिरदर्द से परेशान रहते हैं, तो जंगली बादाम का उपयोग करके आप इससे आराम पा सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि जंगली बादाम की पत्तियों का रस नाक में 1 या 2 बूंद डालने से या पीने से सिरदर्द में आराम मिलता है. इसके अलावा जंगली बादाम की गिरी को सरसों के तेल के साथ पीसकर सिर पर लगाने से भी सिर का दर्द दूर होता है.
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पेट दर्द रोकने में है सहायक
अगर आप पेट दर्द से परेशान रहते हैं और तमात तरीके की दवाओं का उपयोग करने के बाद भी फायदा नहीं मिलता है, तो आप जंगली बादाम का इस्तेमाल कर सकते हैं.
घावों को ठीक करता है जंगली बादाम
शरीर के किसी भी हिस्से में घाव होने पर यह बहुत जरूरी है कि आप घाव को संक्रमित होने से बचाएं और घरेलू उपचारों की मदद से घावों का इलाज करें. विशेषज्ञों के अनुसार जंगली बादाम की पत्तियों और छाल को पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी ठीक होते हैं.
बुखार में देता है फायदा
बुखार में आमतौर पर अधिकांश लोग एलोपैथी दवा खाकर तुरंत बुखार से आराम पा लेते हैं. मगर विशेषज्ञों का कहना है कि शुरुआत में आपको घरेलू उपायों से बुखार को ठीक करने की कोशिश करनी चाहिए, उसके बाद आराम ना मिलने पर एलोपैथी का सहारा लेना चाहिए. आयुर्वेद के अनुसार जंगली बादाम की तने की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से बुखार में आराम मिलता है.
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