
Piles Symptoms Treatment: आजकल की बदलती जीवनशैली और खराब खानपान की वजह से बवासीर की समस्या तेजी से बढ़ रही है. पहले यह बीमारी सिर्फ बुजुर्गों में देखी जाती थी, लेकिन अब युवा और कम उम्र के बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. पाइल्स (Piles) कोई मामूली परेशानी नहीं है. अगर समय रहते इस बीमारी की पहचाना न की जाए, तो स्थिति बिगड़ सकती है. शुरुआत में जब शौच के बाद खून आता है, तो लोग अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन अगर यह खून रोज़ आना शुरू हो जाए, तो यह शरीर में खून की कमी यानी एनीमिया का कारण बन सकता है, जिसके चलते कमजोरी, थकान और चक्कर जैसी समस्याएं होने लगती है.
आइए जानें इस लेख में कि पाइल्स की पहचान और शुरुआती लक्षण क्या है. घरेलू उपचार से कैसे इस बीमारी से राहत पाया जा सकता है.
पाइल्स के 5 प्रमुख लक्षण
- मलत्याग के समय खून आना (Bleeding During Bowel Movement)
यह पाइल्स का सबसे सामान्य और पहला संकेत होता है. आंतरिक पाइल्स में आमतौर पर शौच के समय या उसके तुरंत बाद ताजा, चमकदार लाल रंग का खून दिखाई देता है. यह खून टॉयलेट पेपर पर, मल पर या टॉयलेट सीट में दिखाई दे सकता है. शुरू में यह खून मामूली होता है, लेकिन अगर इलाज न हो तो यह खतरनाक भी हो सकता है. लंबे समय तक खून बहता रहे तो एनीमिया (खून की कमी) हो सकती है.
- गुदा के पास सूजन या गांठ बनना (Swelling or Lump Near Anus)
बाहरी पाइल्स में गुदा के आसपास एक या एक से अधिक सूजी हुई गांठें महसूस होती है. यह गांठें मटर के दाने जैसी होती है और छूने पर दर्द करती है. कभी-कभी ये गांठें खुद ही अंदर चली जाती है, लेकिन अधिकतर मामलों में इलाज की आवश्यकता होती है. यदि गांठ में खून का थक्का जम जाए, तो यह बेहद पीड़ादायक स्थिति बन जाती है, जिसे थ्रोम्बोस्ड पाइल्स (Thrombosed Piles) कहते हैं.
- गुदा में खुजली और जलन (Itching and Burning Sensation)
गुदा क्षेत्र में लगातार खुजली, जलन और चुभन का अनुभव पाइल्स का एक अन्य लक्षण है. यह तब होता है. जब पाइल्स के कारण आसपास की त्वचा में जलन या संक्रमण हो जाता है. इससे व्यक्ति असहज महसूस करता है, खासकर चलने या बैठने के दौरान.
- दर्द (Pain and Discomfort)
पाइल्स का दर्द उसकी अवस्था पर निर्भर करता है. आंतरिक पाइल्स आमतौर पर दर्दरहित होते हैं, क्योंकि वहां कम नसें होती हैं, लेकिन यदि वे बहुत बढ़ जाएं या बाहर की ओर लटकने लगें (Prolapsed Hemorrhoids), तो इनमें दर्द होता है. बाहरी पाइल्स में सूजन और थक्के के कारण दर्द अधिक होता है. बैठने, शौच या चलते समय यह दर्द बढ़ जाता है.
- शौच के बाद भी अधूरा महसूस होना
कई बार पाइल्स की वजह से मल पूरी तरह से बाहर नहीं निकलता और बार-बार शौच की जरूरत महसूस होती है. यह लक्षण पाचन संबंधी गड़बड़ी से भी जुड़ा हो सकता है.
बवासीर (Piles) का घरेलू इलाज
- फाइबर युक्त आहार लें
बवासीर के मरीज को अधिक फाइबर युक्त भोजन जैसे हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज और दालें पाचन क्रिया को दुरुस्त करते हैं और कब्ज से राहत दिलाते हैं.
- गुनगुने पानी से Sitz Bath लें
साथ ही बवासीर से पीड़ित लोगों को दिन में 2-3 बार 10-15 मिनट तक गुनगुने पानी में बैठना गुदा क्षेत्र की सूजन और जलन को कम करने में मदद करता है.जो उन लोगों की इस समस्या में राहत पहुंचता है.
- एलोवेरा जेल लगाएं
इस बीमारी के मरीज को सूजन जैसी प्रॉब्लम होती है.ऐसे में अगर वे मरीज एलोवेरा का इस्तेमाल करे तो सूजन जैसी समस्या को कम किया जा सकता है.क्योंकि एलोवेरा में सूजन कम करने के गुण होते हैं.प्रभावित स्थान पर इसे लगाने से राहत मिलती है.
- त्रिफला चूर्ण का सेवन
मरीज रात में सोने से पहले त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ ले सकते है.इसे लेने से कब्ज में राहत मिलती है और पाचन सुधरता है.और बवासीर के मरीजों के लिए ये चूर्ण बहुत फायदेमंद होता है.
- पर्याप्त पानी पिएं
अगर किसी को ये बीमारी है, तो दिन में कम से कम 8–10 गिलास पानी पीना आवश्यक है ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और मल नरम बना रहे और साथ ही बवासीर के मरीज को ज्यादा पानी पीने से जलन जैसी समस्या नहीं होती है.
लेखक: रवीना सिंह
Share your comments