फल खाने से व्यक्ति अधिक आयु में भी कम ऊम्र का दिखाई देता है. डॉक्टर भी तबीयत खराब होने पर मरीज को फल खाने की सलाह देते हैं. ताकि वह जल्दी से स्वस्थ हो सके. आज हम आपको ऐसे एक फल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका सेवन भगवान श्री राम ने वनवास के दौरान किया था. देखा जाए तो आज की इस आधुनिक भरी दुनिया में भी इस फल को बहुत ही ज्यादा चमत्कारी माना जाता है. कहते हैं कि इसे खाने से व्यक्ति के शरीर के अंदर के कई रोग नष्ट हो जाते हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस फल का नाम कंदमूल है, जिसे वनवास के दौरान भगावन श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी ने खाया था. आज के समय में भारत के विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है. लेकिन उत्तर भारत में रामकंद या रामफल, तमिलनाडु में बूमी सक्कराईवल्ली किझांगु नाम से इस फल की पहचान की जाती है. तो आइए इस लेख में कंदमूल फल के बारे में विस्तार से जानते हैं...
कंदमूल फल
इस फल में कई तरह के पौष्टिक गुण पाएं जाते हैं, जो एक बीमार शरीर को भी जल्दी से ठीक कर देते हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में भी कंदमूल फल का जिक्र किया गया है. बता दें कि अगर आप इस फल को देखेंगे तो यह एक सिलेंडर की तरह आपको दिखाई देगा और इसका रंग भूरा होता है. चेन्नई में तो इस फल को इतना अहमियत दी गई है कि वह इसे दुर्लभ कैटेगरी की श्रेणी में रखा गया है.
कंदमूल फल की खेती
कंदमूल फल की कोई खेती नहीं की जाती है. दरअसल, यह फल खुद ब खुद जंगलो में उग जाता है. इस फल को उगने में लगभग 12 से 15 साल का समय लगता है. अगर आप इस फल को एक बार खाते हैं, तो आप पूरे दिन तक बिना कुछ खाए रह सकते हैं. यानि इसे खाने से इंसान को काफी देर तक भूख नहीं लगती है.
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कंदमूल फल खाने के फायदे
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यह फल इम्यून सिस्टम को कई गुना ज्यादा मजबूत बनाने में मददगार है.
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कई तरह के खतरनाक संक्रमण से लड़ने में यह लाभकारी है.
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इसके अलावा यह फल खांसी, अस्थमा, कंजेशन और ब्रोंकाइटिस बीमारी के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.
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यह फल गठिया, जोड़ों के दर्द और सूजन जैसी बीमारी से लोगों को मुक्ति दिलाता है.
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