भिंडी को लेडी फिंगर और ओकरा नाम से भी जाना जाता है। पोषक तत्वों से भरपूर भिंडी को कई तरह से इस्तेमाल में लाया जाता है। कुछ लोग इसे सब्जी बनाकर खाना पसंद करते हैं, कुछ उबालकर, तो कुछ इसे कच्चा भी खाते हैं। भिंडी में ऐसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो दूसरी किसी और सब्जी में नहीं। अनुसंधान कहते हैं कि यह दक्षिण एशियाई, पश्चिमी अफ्रीकी और इथियोपियाई मूल की हो सकती है। भिंडी से निकलने वाला रेशेदार चिकना पदार्थ कई प्रकार के रोगों को ठीक करने में मदद करता है।
मजबूत हड्डियां: भिंडी में पाया जाने वाला लसलसा पदार्थ हड्डियों के लिए उपयोगी है। इसमें विटामिन-के होता है।
आंखों की रोशनी: भिंडी में मौजूद विटामिन-ए आंखों की रोशनी को ठीक रखता है। इसके अलावा, भिंडी में बहुत कम कैलोरी होती है, जो वजन घटाने में कारगर है।
हृदय की बीमारी: कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से दिल की बीमारियों का खतरा रहता है। भिंडी में मौजूद पेक्टिन नामक तत्व कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है। यह हृदय रोग में फायदेमंद है।
प्रतिरोधक क्षमता: प्रतिदिन 100 ग्राम भिंडी का खा रहे हैं, तो आपको आवश्यक विटामिन-सी का 38 प्रतिशत मिल रहा है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
गर्भावस्था में लाभकारी: गर्भवती महिलाओं के लिए भिंडी फायदेमंद है। इसमें विटामिन-B9 और फोलिक एसिड होता है, जिससे गर्भ में पल रहा बच्चा न्यूरोलॉजिकल समस्याओें से दूर रहता है।
कैंसर से बचाव: भिंडी में कॉन्सन्ट्रेटेड ऐंटि-ऑक्सीडेंट पाया जाता है। ये ऐंटि-ऑक्सीडेंट फ्री-रेडिकल्स के प्रभाव से कोशिकाओं को सुरक्षित रखता है।
मधुमेह में नियंत्रण: भिंडी में डाइट्री फाइबर भरपूर होता है, जो ब्लड-शुगर को नियंत्रित करता है। भिंडी का ऐंटि-डायबटिक गुण बीटा-सेल्स के विकास में मददगार है।
भिंडी हरी सब्जियों में सामान्य रूप से खाई जाने वाली सब्जी है। इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद हैं। खास कर हृदय रोग के लिए।
- सरोज कुमार पांडेय, आयुर्वेदाचार्य
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