भारत के विभिन्न हिस्सों में होने वाला शासकीय श्रेणी का फल केला मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी है रोगों के निवारण के साथ ही मनुष्य के स्वास्थ्य वृद्धि के लिए यह एक विशेष उपयोगी आ रहे यह कच्चा और पक्का दोनों ही रूपों में उपयोग में लाया जाता है प्रचुर लोह तत्व युक्त इस के सभी अंगों को अलग-अलग शारीरिक समस्याओं के निवारण के लिए शुरू किया जाता है विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नामों से संबोधित केले के भारत में कई नाम से पहचाना जाता है यह मुं सेसी कुल की वनस्पति है
पोषक तत्वों से भरपूर केले का फटाफट ऊर्जा देने वाला माना जाता है यह कोटेशन फाइबर मैग्नीशियम और आयरन का बेहतर स्रोत भी है इससे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व की पूर्ति हो जाती है लेकिन क्या खाली पेट केला खाना चाहिए इस पर अक्सर बहस होती रहती है हालांकि कई शोधों में यह बात सामने आई है की केले में मौजूद 25% प्राकृतिक शर्करा आपकी ऊर्जा तो बढ़ाती है लेकिन कुछ घंटे बाद आप स्वस्थ महसूस करने लगते हैं बैटरी सन डेनियल ज्योग्राफिक कहते हैं इसमें कोई शक नहीं कि अकेला सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है स्वास्थ्य हृदय और शरीर की थकान दूर करने में भी यह मददगार होता है रक्तचाप को नियंत्रित का तनाव को भी कम करता है इसके शरीर का तापमान भी नियंत्रित होता है केले में मौजूद पोषक तत्वों से दिनभर होने वाले तमाम शारीरिक गतिविधियों के लिए जरूरी ऊर्जा की पूर्ति तो हो जाती है लेकिन तुरंत ही आप थक जाते हैं और फिर आपको कुछ और खाने की इच्छा जाती है जिसका कारण बाद में वर्ड राइटिंग हो सकती है कोटेशन से भरपूर खेले कई तरह के स्वास्थ्य को बढ़ा देते हैं लेकिन इसकी प्राकृतिक अमली अमली होती है और ऐसे में अगर इसे खाली पेट खाए जाए तो पाचन संबंधी तमाम समस्याएं हो सकती हैं आयुर्वेद के मुताबिक केवल अकेला ही नहीं बल्कि दूसरे फलों को भी खाली पेट खाने से बचना चाहिए क्योंकि खाली पेट यदि फलों को खाया जाता है तो निश्चित रूप से वह कभी-कभी हानिकारक भी साबित होते हैं इसलिए थोड़ा बहुत खाने के उपरांत ही फलों का सेवन करना चाहिए
कैसे खाएं केला
सुबह के नाश्ते में केला खाना अच्छा है लेकिन इसे खाली पेट नहीं खाना चाहिए इसके साथ ड्राई फूड सेव और अन्य फलों का भी सेवन करना चाहिए जिससे शरीर में अम्लीय पदार्थों की मात्रा में कमी की जा सके दर्शन के लिए में मौजूद मैग्नीशियम रक्त में कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा के संतुलन को बिगाड़ सकता है इसके आगे चलकर हृदय और धन्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है इसलिए जरूरी है कि जब भी सुबह के समय केला खाएं तो उसके साथ-साथ सेव और ड्राई फूड भी लें तभी इसका सेवन अच्छा होगा
केले की विशेषता
केले की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके समान पोस्ट दूसरा अन्य कोई फल नहीं होता केले में पोटेशियम जैसे उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने वाले जरूरी तत्व के अलावा विटामिन बी एवं सी तथा नियासिन राइबोफ्लेविन और हाई में जैसे उपयोगी तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं केले में अमृता विरोधी पोटेशियम सोडियम मैग्नीशियम भी पाया जाता है इन तत्वों की उपस्थिति क्यों होते हुए केला खाने से रक्त चरित्र में वृद्धि होती है जिससे अमृत रोगों पर रोक लग जाती है केले में कोलेस्ट्रॉल बिल्कुल नहीं पाया जाता इसमें सेव से डेढ़ गुनी अधिक प्राकृतिक शर्करा पाई जाती है बच्चों के लिए अकेला विशेष उपयोगी होता है कमजोर बच्चों के लिए यह उपयोगी आहार माना जाता है केले के कच्चे पक्के फल फूल और तने के बीचो-बीच पाए जाने वाले सफेद फोर जमीन के अंदर का प्रबंध तथा तने के रस में भी प्रचुर लौह तत्व मौजूद होते हैं इसके कच्चे फल के अलावा फूल और जिसको क्यों कहा जाता है कि सब्जी बनाई जाती है और यह सब्जी काफी शरीर के लिए लाभदायक होती है केले के छिलके से प्राप्त देशों से चटाई तथा कपड़ा बनाया जाता है
आधुनिक युग में केले की विशेषता
कोरोना महामारी के चलते पूरे विश्व के लोग आज अपने घर पर ही कैद हैं जिसके चलते तरह तरह की समस्याएं लोगों के सामने आ रही हैं और सभी लोग नीतीश के प्रति भी सजा हो गए हैं इसलिए लोगों को चाहिए किए हुए अपने नाश्ते में केले को शामिल करें तो निश्चित रूप से वह नीति सेन के हिसाब से काफी अच्छा रहेगा और जो लोगों में डिप्रेशन की समस्या बढ़ती जा रही है उस डिप्रेशन को काफी हद तक कम करने में यह फल सफल होता है इसलिए आजकल लोगों को केले का सेवन अवश्य करना चाहिए
धुनिक खाद्य वैज्ञानिकों ने भी अपने शोध में केले को अत्यंत उपयोगी पाया है जर्मनी के गोली जन विश्वविद्यालय के professor foodle ने अपने शोध के आधार पर सलाह दी है कि मानसिक तनाव डिप्रेशन से दृश्य व्यक्ति को केले के फल का सेवन करना चाहिए प्रोफेसर फूडल के अनुसार केले में सेरोटोनिन नामक तत्व पाया जाता है इससे मानसिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है रूसी वैज्ञानिकों ने अपने शोध परिणामों के आधार पर बताया है कि केला खाने से शरीर का समुचित विकास होता है इसका नियमित प्रयोग करने वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य उत्तम रहता है ब्रिटेन स्थित ऑस्टन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान के आधार पर घोषित किया है कि पेट के अल्सर के लिए केले से अच्छी कोई और दवा नहीं है आदमी के वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक का विकास किया है जिसमें रोग निरोधक औषधि टिंकू को केले के फल में समावेशित किया जा सकेगा इस प्रकार रोग निरोधक दीपों के रूप में केले के फल को खाने से काम चल जाएगा और मनुष्य अनेक लोगों से सुरक्षित हो सकेगा
डॉ. आर एस सेंगर, प्रोफेसर
सरदार वल्लभ भाई पटेल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, मेरठ
ईमल आईडी: [email protected]
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