करेला एक बहुप्रचलित सब्जी है जो लगभग हर मौसम में पाई जाती है वैसे तो करेला एक कड़वा फल है. जिसे सब्जी या तरकारी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम मोमोर्डिका चारंतिया है. उष्णकटिबंधीय या उपोष्णकटिबंधीय जगहों पर पाई जाने वाली करेले की यह बेलें कुकुरबिटेसी परिवार से संबंधित है. जिसे करेला के अलावा बिटर मेलन या बिटर स्क्वेश के नाम से भी जाना जाता है.
इसके फलों के बीच में कई सारे बीज भरे होते हैं जिन पर एक मोटा आवरण होता है. बीजों के बाहरी भाग में भी एक पतला आवरण होता है. करेले के रस का उपयोग कई वर्षों से चीनी दवाओं में होता आ रहा है जो बिना किसी दुष्प्रभाव के लोगों द्वारा उपयोग की जाती रही है.
करेले में मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स
करेले में कई तरह के विटामिन और मिनरल या खनिज तत्व प्राकृतिक रूप से पाये जाते हैं जो इस प्रकार हैं विटामिन-ए, विटामिन बी6, विटामिन-सी, विटामिन- ई विटामिन-बी6, राइबोफ्लेविनए पेंटोथेनीक एसिडए फ़ोलेट, लाइकोपेन, नियसिन, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, मैंगनिशियम, फॉस्फोरस, कॉपर, जिंक और पानी. ये सभी विटामिन्स और मिनरल्स करेले में मौजूद होकर शरीर के मेटाबोलिस्म को बेहतर करते हैं.
100 ग्राम करेले के जूस में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा
एनर्जी 17 कैलोरी |
राइबोफ्लेविन 0.040 मिलीग्राम |
कार्बोहाइड्रेट 3.70 ग्राम |
थाइमिन 0.040 मिलीग्राम |
प्रोटीन 1 ग्राम |
सोडियम 5 मिलीग्राम |
कोलेस्ट्रॉल 0 मिलीग्राम |
पोटेशियम 296 मिलीग्राम |
फाइबर 2.80 मिलीग्राम |
कैल्शियम 19 मिलीग्राम |
नियासिन 0.400 मिलीग्राम |
कॉपर 0.043 मिलीग्राम |
फ़ोलेट 72 माइक्रोग्राम |
आयरन 0.43 मिलीग्राम |
पैरिडोक्सिन 0.043 मिलीग्राम |
जिंक 0.80 मिलीग्राम
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करेले के औषधीय उपयोग
मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण
करेला मधुमेह में रामबाण औषधि का काम करता है. करेला शरीर में शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है. जिससे मधुमेह में लाभ होता है. करेले के टुकड़ों को छाया में सुखाकर पीसकर महीन पाउडर बना लें. रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच पाउडर का पानी के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है 10 ग्राम करेले के रस में 6 ग्राम तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर रोज सुबह खाली पेट पीना लाभकारी है.
कैंसर में लाभकारी
करेले में मौजूद खनिज और विटामिन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं जिससे कैंसर जैसी बीमारी का मुकाबला भी किया जा सकता है. करेले का नियमित उपयोग अग्नाशय में होने वाले कैंसर को बढ़ने से रोकता है. ग्लोकोज़ मेटाबोलिस्म कैंसर की कोशिकाओं को प्रभावित कर शरीर की सुरक्षा करते हैं.
त्वचा के रोगों को दूर करने में करेले के गुण
करेले के पत्तों को पत्थर पर घिसकर चटनी जैसा बनाकर लेप लगाने से त्वचा के रोग ठीक हो जाते हैं. इससे आग से जलने से होने वाले घावों में भी आराम मिलता है. इसमें मौजूद बिटर्स और एल्केलाइड तत्व रक्त शोधक का काम करते हैं. करेले की सब्जी खाने और मिक्सी में पीस कर बना लेप रात में सोते समय लगाने से फोड़े.फुंसी और त्वचा रोग नहीं होते. दाद, खाज, खुजली, सियोरोसिस जैसे त्वचा रोगों में करेले के रस में नींबू का रस मिलाकर पीना फायदेमंद है.
जोड़ों के दर्द से राहत दे
गठिया या जोड़ों के दर्द में करेले की सब्जी खाने और दर्द वाली जगह पर करेले की पत्तों के रस से मालिश करने से आराम मिलता है.
उल्टी-दस्त में फायदेमंद
करेले के तीन बीज और तीन काली मिर्च को घिसकर पानी मिलाकर पिलाने से उल्ट-दस्त बंद हो जाते हैं. अम्लपित्त के रोगी जिन्हें भोजन से पहले उल्टियां होने की शिकायत रहती है. करेले के पत्तों को सेंककर सेंधा नमक मिलाकर खाने से फायदा होता है.
वजन घटाने में करेले का उपयोग
करेले का रस और एक नींबू का रस मिलाकर सुबह सेवन करने से शरीर में उत्पन्न टॉकसिंस और अनावश्यक वसा कम होती है और मोटापा दूर होता है.
पथरी रोगियों के लिए अमृत
पथरी रोगियों को दो करेले का रस पीने और करेले की सब्जी खाने से आराम मिलता है. इससे पथरी गलकर बाहर निकल जाती है. इसके पत्तों के 50 मिलीलीटर रस में थोड़ी सी हींग मिलाकर पीने से पेशाब खुलकर आता है.
हैजे में राहत
हैजे के रोगी को करेले के रस में प्याज का रस और कुछ बूंदे नींबू का रस मिलाकर देना लाभदायक है.
खूनी बवासीर में आराम मिलता है
करेले और पत्तों का रस एक चम्मच शक्कर मिलाकर पीने से खूनी बवासीर में आराम मिलता है.
सिरदर्द में करेले के रस का लेप लगाएं
सिरदर्द होने पर करेले के रस का लेप लगाने से आराम मिलता है.
मुंह में छाले हैंए करेले के रस से कुल्ला करें
मुंह में छाले होने पर करेले के रस का कुल्ला करना फायदेमंद है.
रतौंधी में राहत दे
करेले के रस में पिसी काली मिर्च अच्छी तरह मिलाएं. यह लेप आंखों के बाहरी हिस्से पर लगाने से रतौंधी की बीमारी दूर होती है.
पेट के कीड़े साफ हो जाएंगे
एक बड़ा चम्मच करेले के पत्तियों के रस को एक गिलास छाछ में मिलाकर लेने से पेट के कीड़ों से छुटकारा मिल सकता है.
पीलिया में अचूक
पीलिया और मलेरिया जैसे बुखार में करेले को पीसकर निकाले गए रस को दिन में दो बार पिलाना चाहिए. पीलिया में कच्चा करेला पीसकर खाना फायदेमंद है.
अस्थमा में आराम दे
एक कप पानी में दो चम्मच करेले का रस तुलसी के पत्तों का रस और शहद मिलाकर रात में सोते समय पीने से अस्थमाए ब्रोंकाइटिस जैसे रोगों में आराम मिलता है.
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