हल्दी को अक्सर आपने एक गाँठ के रूप में ही देखा होगा जो सूखी होती है. पीले रंग का यह मसाला अक्सर भारतीय रसोई की शान माना जाता है जिसका इस्तेमाल अक्सर पारम्परिक व्यंजनों को तैयार करने में किया जाता है. इस हल्दी का इस्तेमाल दो रूप में किया जाता है. आप इसे कच्ची अवस्था में भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जब इसकी गांठ सूखी न हो. यह न केवल आपके खाने के स्वाद और उसके रंग को निखारती है बल्कि आपकी त्वचा और सेहत का भी ध्यान रखती है. यही वजह है कि इस हल्दी का इस्तेमाल कई तरह से एक औषधि के रूप में भी किया जाता है.
आज हम आपको "कच्ची हल्दी" (raw turmeric) के कुछ गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपको शायद ही पता हो. हल्दी के गुण (benefits of turmeric) तो आपने बहुत सुने होंगे लेकिन कच्ची हल्दी के गुण (benefits of raw turmeric) भी कुछ कम नहीं हैं. वहीं विशेषज्ञों की मानें तो ठंडी तासीर के लोगों के लिए ये बहुत फ़ायदेमंद होती है लेकिन गर्म तासीर वाले लोगों को इसका सेवन अधिक नहीं करना चाहिए. खाने के तौर पर आप कच्ची हल्दी का इस्तेमाल जूस, खाना बनाने में, अचार बनाने में, चटनी बनाने में, सूप में कर सकते हैं.
सूखी हल्दी से अलग होती है कच्ची हल्दी
देखने में यह ऊपर से भूरे रंग की होती है लेकिन इस कच्ची हल्दी को काटने पर आपको नारंगी और पीले रंग का मिश्रण मिलता है जो सूखी हल्दी से अलग होता है.
ये हैं कच्ची हल्दी के फ़ायदे
आप इस हल्दी तेल (turmeric oil) को अपनी फटी एड़ियों के इलाज में भी इस्तेमाल कर सकते हैं. रात को सोते समय आप इसे लगा सकते हैं.
रूसी यानी डैंड्रफ से छुटकारा दिलाने में भी कच्ची हल्दी का तेल काफी सहायक है. आप नारियल तेल में हल्दी का तेल मिलाकर अगर लगाते हैं तो रूसी की समस्या (dandruff problem) से निजात पा सकते हैं.
कच्ची हल्दी में आपको एंटी बैक्टीरियल (Anti-bacterial) और एंटीसेप्टिक (Antiseptic) गुण मिलते हैं. यह त्वचा सम्बन्धी रोग या घाव (skin related problems) में कारगर है. इसे पीसकर आप अपनी त्वचा पर या घाव पर लगा सकते हैं. यह इन्फ़ेक्शन (infection) से आपको बचाती है.
अगर आप इस कच्ची हल्दी का जूस पीते हैं तो आप ट्यूमर की समस्या से भी दूर रहेंगे. साथ ही सूजन, गठिया रोग यानी गठिया रोग (arthritis), फ़्री रेडिकल्स में भी इसका सेवन लाभकारी है.
कच्ची हल्दी की गाँठ का इस्तेमाल अगर आप खाने में करते हैं तो आपको किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हो सकता है. हल्दी पाउडर को बाजार से खरीदने पर उसकी शुद्धता का पता नहीं चल पाता है लेकिन कच्ची हल्दी में आपको शुद्धता मिलती है क्योंकि इसमें किसी भी तरह की कोई मिलावट नहीं होती है. इसके साथ ही आपको इसका चटख रंग भी मिलता है.
आप कच्ची हल्दी का उप्टन (facepack) भी लगा सकते हैं. कच्ची हल्दी को सरसों (mustard) के दानों के साथ पीसकर आप इसका थोड़ा गीला पेस्ट बनाकर उप्टन के तौर पर अपने चेहरे और हाथ-पैर पर भी लगा सकते हैं. ऐसा करने से आपकी त्वचा पर प्राकृतिक निखार और चमक आती है.
दूध के साथ कच्ची हल्दी पीने से आप कैंसर (cancer) जैसी घातक बिमारी से दूर तरह सकते हैं. पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) के सेल्स को बढ़ने से रोकने में भी यह बड़े काम की है.
इंसुलिन के स्तर को संतुलित करने में, डायबिटीज़ में भी यह कारगर है.
हल्दी और नींबू पानी में मिलाकर इसे पीने पर आपका इम्यून सिस्टम (immunity system) भी मज़बूत होता है और मोटापा (obesity) भी कंट्रोल होता है.
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