सुनकर सहज विश्वास नहीं होगा। पर है सौ फीसदी सच। व्यक्ति के मुंह में भी पथरी होती है। किडनी, गालब्लैडर और पैंक्रियाज की तरह ही मुंह में भी पथरी होती है जो धीरे-धीरे घातक बन जाती है। हालांकि मुंह में पथरी काफी रेयर होती है। शहर में ही एक महीने में एक प्लॉस्टिक सर्जन समेत दो मरीजों का ऑपरेशन कर उनके मुंह की पथरी निकाली गई।
ऐसे बनती है लार ग्रंथि में पथरी
कान के नीचे पेरोटिड ग्रंथि और जबड़े के नीचे सबमेंडुलर लार ग्रंथि होती है। इन ग्रंथियों में कैल्शियम फास्फेट व दूसरे पदार्थ जमा होने लगते हैं। इससे पथरी बनने लगती है। पथरी की साइज बड़ी होने पर ग्रंथि से लार का प्रवाह बंद हो जाता है।
पथरी से हो सकता है कैंसर
मुंह में पथरी से लार ग्रंथि में सूजन आ जाती है। इससे कान और जबड़े में दर्द होने लगता है। सबसे ज्यादा दिक्कत भोजन चबाते समय होती है। सुबह-शाम खाना खाने के बाद गले, जबड़े व कान के आसपास कुछ घंटे के लिए सूजन हो जाती है। इससे लार ग्रंथि और गले में संक्रमण हो सकता है। इसके कारण कैंसर होने का भी खतरा होता है।
मुंह की पथरी बना देती दिमागी बीमार
मुंह में पथरी हो जाने पर मरीज के दिमाग में बैठ जाता है कि उसके मुंह में सूजन है। इसका दिमाग पर नकारात्मक असर होता है। इलाज हो जाने के बाद भी मरीज के दिमाग से यह बात जल्दी निकलती नहीं है और वह काफी दिनों तक भोजन के दौरान दर्द महसूस करता रहता है। इसे मील टाइम सिंड्रोम भी कहते हैं।
रेयर होती है बीमारी
यह बीमारी काफी रेयर है। करीब 50 हजार लोगों में किसी एक को होती है। इस बीमारी के कारणों की जानकारी नहीं है। माना जाता है कि कम पानी पीने वालों और खाना कम चबाकर खाने वालों को यह बीमारी होती है। इसका पता एक्सरे व सीटी स्कैन से चलता है।
निकालनी पड़ती है लार ग्रंथि
पथरी लार ग्रंथि के अंदर या फिर लार ग्रंथि से जीभ तक के रास्ते में हो सकती है। जीभ के रास्ते में पथरी है तो ऑपरेशन कर पथरी निकाल दी जाती है। ग्रंथि के अंदर पथरी है और उसका साइज छह मिलीमीटर से बड़ा है तो ऑपरेशन कर लार ग्रंथि को ही निकालना पड़ता है।
पथरी से बचना है खूब पानी पीएं
मुंह में होने वाली पथरी में से 85 फीसदी सबमेंडिबुलर ग्रंथि में होती है। 10 फीसदी मामलों में पैरोटिड ग्रंथि में होती है। करीब पांच फीसदी मामलों में सबलिंग्वल ग्रंथि या छोटी लार ग्रंथि में होती है।
फैक्ट
-50 हजार लोगों में एक को होती है मुंह में पथरी
- 85 फीसदी को सबमेंडिबुलर ग्रंथि में होती है
- 10 फीसदी को पैरोटेड ग्रंथि में होती है
- 05 फीसदी को सबलिंग्वल ग्रंथि या छोटी लार ग्रंथि में होती है.
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