 
    मोटी जड़ो वाला शलजम एक औषधीय पौधा है, जिसका सेवन कुछ लोग कच्चा और कुछ लोग पकाकर करते हैं. इस पौधे के पत्तियों को भी लोग साग के रूप में खाते हैं. कमाई के साथ-साथ सेहत के लिए भी इसे बहुत अच्छा माना जाता है. इसके अंदर विटामिन बी और सी प्रचुर मात्रा में होती है.
शलजम का सेवन कई बीमारियों को भगाने में असरदार है. सामान्य तौर पर सफ़ेद, पीले और बैंगनी रंग की ये सब्जी हर घर में उपयोग होती है. चलिए आपको इसके कुछ औषधीय गुणों के बारे में बताते हैं.
दमा में लाभकारी
जिन लोगों को दमा की शिकायत है, उन्हें शलजम जरूर खाना चाहिए. अगर इस सब्जी को उबालकर पानी में छानकर चीनी के साथ पिया जाए, तो उससे दमा, खांसी और गले के रोग ठीक होते हैं.
कैंसर की रोकथाम
कई शोधों में ये बात साबित हो चुका है कि शलजम एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स के उच्च गुण होते हैं, जिससे कैंसर का उपचार संभव है. इसके अंदर पाया जाने वाला ग्लूकोसाइनोलेट्स कैंसर के खतरे को निष्प्रभाव कर देता है. सर्दियों के दिनों में तो इसका सेवन जरूर सप्ताह में एक बार करना चाहिए.
स्तन कैंसर के खतरे को करता है कम
महिलाओं को इसका सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि इससे स्तन कैंसर का खतरा कम होता है. इसके अलावा ये ऊर्जा और थकान को दूर करने में भी सहायक है.
शलजम की खेती और मिट्टी
आम तौर पर इसकी खेती हर तरह की मिट्टी पर हो सकता है, लेकिन दामोट मिट्टी में ये अधिक फलदायी है. अच्छी वृद्धि के लिए मिट्टी का पीएच मान 5.5-6.8 होना चाहिए.
बुवाई और सिंचाई
शलजम की बुवाई अगस्त-सितम्बर के महीने में होती है, जबकि इसके यूरोपीय किस्मों की बुवाई अक्तूबर-नवंबर में होती है. ये सर्दियों की मुख्य सब्जी है. शलजम की बुवाई के बाद पहली सिंचाई की जरूरत होती है. उसके बाद आमतौर पर हर सप्ताह हल्की सिंचाई की जरूरत होती है.
फसल की कटाई
शलजम के फल 45-60 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं, कटाई के बाद पुटाई का काम भी करना होता है. कटाई के बाद इसके हरे सिरों को अच्छे से धोया जाता है. इस सब्जी को ठंड के दिनों में 8-15 सप्ताह स्टोर किया जा सकता है.
 
                 
                     
                     
                     
                     
                                         
                                             
                                             
                         
                         
                         
                         
                         
                    
                
Share your comments