क्विनोआ (चेनोपोडियम क्विनोआ), एमेरेंथस परिवार में एक फूल वाला शाकाहारी वार्षिक पौधा है जो मुख्य रूप से अपने खाद्य बीजों के लिए एक फसल के रूप में उगाया जाता है. क्विनोआ की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका मानी जाती है. जो चल कर इसकी खेती 70 से अधिक देशों में फैल गई. उत्तरी अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में अपने कई स्वास्थ्य लाभों के कारण तेजी से बढ़ती लोकप्रियता और खपत के कारण फसल की कीमतों में कई गुना वृद्धि हुई. भारत में भी इसका उत्पादन दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है और यह भारत में भी काफी लोकप्रिय है. क्विनोआ आकार में राई बराबर छोटा होता है, ये एक फूल के अंदर पाया जाता है और स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है.
क्विनोआ को आज एक सुपरफूड के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन (14-18 प्रतिशत की उच्च प्रोटीन), लोहा, रेशा, ई और बी विटामिन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इस पौष्टिक पौधे के बीज और पत्ते दोनों खाये जा सकते हैं. जिन लोगों को अनाज नहीं पचता, उन्हें विशेषज्ञ क्विनोआ का सेवन करने की सलाह देते हैं.
भारत में, क्विनोआ की खेती आंध्र प्रदेश में शुरू की गई थी. आंध्र प्रदेश द्वारा हाल ही के एक प्रोजेक्ट “प्रोजेक्ट अनंथा” में अनन्तपुर जिले के सूखे इलाके में वैकल्पिक फसल के रूप में, कम पानी की खपत के साथ, क्विनोआ को उगाने की पहल की गई थी. हाल ही में, किसानों ने अनुबंध के आधार पर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और राजस्थान जैसे राज्य में सरकारी समर्थन के माध्यम से क्विनोआ की खेती शुरू की है. रबी के मौसम में, दक्षिणी राजस्थान के भीलवाड़ा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़ आदि जिलों में क्विनोआ की खेती होती है.
क्विनोआ की किस्में (Varieties of Quinoa)
क्विनोआ की तीन किस्में जैसे- सफेद, लाल और काले क्वनोआ सबसे अधिक प्रचलित हैं. सफेद क्विनोआ पकाने के लिए कम से कम समय लगता है. काला क्विनोआ पकाने के बाद भी मूल रंग को बरकरार रहता है लेकिन खाना पकाने के लिए सबसे लंबा समय लेता है, इसका स्वाद मीठा होता है.
क्विनोआ की खेती के लिए जलवायु (Climate for Quinoa cultivation)
गर्म और शुष्क, ठंडी और शुष्क, बरसात, अधिक नमी के साथ समशीतोष्ण जलवायु में इसकी खेती की जा सकती है, जहां वर्षा 250-300 मि.मी. हो. इसकी बुवाई का रबी मौसम में नवंबर के प्रथम सप्ताह से दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक की जानी चाहिए. बीज दर 2 किग्रा प्रति एकड़ होती है.
क्विनोआ में पोषक तत्वों की मात्रा (Quinoa Nutrient Amount)
क्विनोआ उच्च प्रोटीन गुणवत्ता का भोजन है और इसे आमतौर पर सभी आवश्यक अमीनो एसिड के पर्याप्त स्रोत के रूप में जाना जाता है. यह फेरुलिक, कौमारिक, हाइड्रोक्सीबेनोजिक और वैनिलिक एसिड सहित विभिन्न प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट फाइटोन्यूट्रिएंट्स प्रदान करता है. इसके प्रति 100 ग्राम बीजों में पानी 13.28 ग्राम, प्रोटीन 14.12 ग्राम, कार्बोहाईड्रेट 64.16 ग्राम, वसा 6.07 ग्राम, फाइबर 7 ग्राम, एनर्जी 368 किलो, कैल्शियम 47 मिलीग्राम, मैग्नीशियम 197 मिलीग्राम, पोटेशियम 563 मिलीग्राम, फॉसफोरस 457 मिलीग्राम, जिंक 3.1 मिलीग्राम, सोडियम 5 मिलीग्राम, लोहा 4.57 मिलीग्राम, नियासिन 1.52 मिलीग्राम, रिबोफ्लेविन 0.318 मिलीग्राम, थिअमिन 0.36 मिलीग्राम, फोलेट 184 माईक्रोग्राम, विटामिन बी-6 0.487 मिलीग्राम, विटामिन-ए 14 माइक्रोग्राम, विटामिन-ई 2.44 मिलीग्राम, फैटी एसिड 1.613 ग्राम होता है.
क्विनोआ खाने से लाभ (Benefits of eating Quinoa)
यह पाचन प्रक्रिया को बेहतर कर वजन घटाने में मदद करता है. मधुमेह को नियंत्रित करता है. खून की कमी दूर करने में मदद करता है जिससे एनीमिया रोग नहीं होता. हड्डियों को मजबूत करने के साथ साथ त्वचा की समस्याओं से बचाता है. ब्लड प्रेशर कम करने में, दिल से सम्बंधित रोगों को दूर करने और और कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करता है. ऑस्टियोपोरोसिस सम्बंधित रोगों को दूर करने में क्विनोआ मदद करता है.
क्विनोआ का सेवन कैसे करें (How to consume Quinoa)
क्विनोआ में सैपोनिन नामक कड़वा स्वाद वाले यौगिक होते हैं जो बाहरी कोटिंग में केंद्रित होते हैं. बाजार में उपलब्ध क्विनोआ पहले से प्रोसैसड होके आता है, जिसमें सैपोनिन तत्व को निकाल लिया जाता हैं. लेकिन इसका सेवन करने से पूर्व इसे अतिरिक्त पानी से धोया जाना चाहिए. इसके दानों को ठंडे पानी में धोकर या बाहरी परतों को हटा देना चाहिए. एमपीयूएटी, उदयपुर द्वारा एक मशीन विकसित की गई है जिससे 88 प्रतिशत सैपोनिन कम होकर दाने का कड़वापन कम हो जाता है. क्विनोआ को आहार में शामिल करना आसान है. लोग किसी भी रेसिपी में चावल की जगह इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके छोटे-छोटे दाने 15 मिनट में पक जाते हैं. यह खाने या नाश्ते में अनाज के रूप में भूमिका निभा सकता है.
क्विनोआ के विकसित उत्पाद (Quinoa Advanced Products)
क्विनोआ सलाद, क्विनोआ सूप, नूडल्स, पास्ता, बर्गर, पेस्ट्री, लस मुक्त बेकरी उत्पाद, बिस्कुट, डार्क चॉकलेट, क्विनोआ दलिया, टोस्टेड क्विनोआ, पुलाव, आटा जैसे उत्पाद बनाए जा सकते हैं.
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