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80 हजार रूपए की जड़ी-बूटी, एक ही दिन में 6 इंच बढ़ जाती है

अगर कोई कहे कि 80 हजार रूपए की वो सब्जी लेने जा रहा है, तो आप उसकी बात से क्या अनुमान लगाएंगें? यही न कि हो सकता है, उसके यहां कोई विवाह-शादी, दावत या किसी तरह का आयोजन हो. लेकिन अगर हम कहें कि 80 हजार रूपए में कोई अपने लिए सब्जी लेने जा रहा है, तो क्या आप यकिन करेंगें. जी हां, आपने सही पढ़ा 80 हजार रूपए की सब्जी. आज इस लेख के माध्यम से हम आपको ऐसी सब्जी के बारे में बताएंगे, जिसकी कीमत अच्छे-अच्छों को आचंभित कर देती है.

सिप्पू कुमार
सिप्पू कुमार
हॉप शूट्स
हॉप शूट्स

अगर कोई कहे कि 80 हजार रूपए की वो सब्जी लेने जा रहा है, तो आप उसकी बात से क्या अनुमान लगाएंगें? यही न कि हो सकता है, उसके यहां कोई विवाह-शादी, दावत या किसी तरह का आयोजन हो.  लेकिन अगर हम कहें कि 80 हजार रूपए में कोई अपने लिए सब्जी लेने जा रहा है, तो क्या आप यकिन करेंगें. जी हां, आपने सही पढ़ा 80 हजार रूपए की सब्जी. आज इस लेख के माध्यम से हम आपको ऐसी सब्जी के बारे में बताएंगे, जिसकी कीमत अच्छे-अच्छों को आचंभित कर देती है.

हॉप पौधे की विशेषता

इस पौधे को हॉप शूट्स के नाम से जाना जाता है, जिसे मुख्य तौर पर सब्जी के रूप में खाया जाता है. आपको ये पौधा आम बाजारों में कहीं भी दिखाई नहीं देगा. इसका उपयोग शराब को बनाने में भी होता है, इसके फूलों से कई तरह के नशीले पदार्थ बनाए जाते हैं. बाकी इसकी टहनियों और जड़ों का उपयोग दवाईयों को बनाने में होता है.

प्राचीन है हॉप पौधा

इस पौधे का इतिहास बहुत प्राचीन है, आज से लगभग 800 ईस्वी पहले इसे खोजा गया. जर्मनी में इस पौधे की खेती सबसे पहले किसानों ने बीयर बनाने के लिए की. उन्होंने महसूस किया कि बीयर में इसके उपयोग से उसका स्वाद अधिक बढ़ता है. इस पौधे की मांग इतनी अधिक बढ़ी कि इसके ऊपर जर्मनी में टैक्स लगना शुरू हो गया.

जड़ी-बूटी परिवार से है संबंध

हालांकि ऐसा नहीं है कि इस पौधे का उपयोग सिर्फ बीयर या नशीले उत्पादों को बनाने में होता है. वास्तव में हॉप एक तरह की जड़ी-बूटी है, जो कई बीमारियों के उपचार में उपयोग होती है. विशेषकर दांतों के दर्द में इसका उपयोग करना फायदेमंद माना जाता है.

कुलीन वर्गों की शान

विदेशों में कुलीन वर्ग के लोग इसका इस्तेमाल प्याज-टामाटर की तरह सलाद के रूप में करते हैं. इसके साथ ही इसे रोस्ट या ग्रिल करके भी खाया जाता है. वहीं कुछ देशों में इससे आचार भी बनाया जाता है, जिसे विलासिता के रूप में देखा जाता है.

इस जगह होती है खेती

हॉप की खेती साल में भी हो सकती है, लेकिन अधिक ठंड का मौसम इसके लिए ठीक नहीं माना गया है. इस पौधे को फलने-फूलने के लिए नमी वाले क्षेत्रों की जरूरत होती है. सूर्य का प्रकाश इसके बढ़ने में सहायक है. आपको बता दें कि एक ही दिन में इसकी 6 ईंच तक बढ़ जाती है.

English Summary: know more about this ayurvedic plants cost is eighty thousand Published on: 03 January 2021, 09:35 IST

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