1. Home
  2. बागवानी

यह फूल 12 सालों में एक बार खिलता है

फूल हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते है. दुनिया में कई तरह के फूल बेहद ही अजीब किस्म के है जो बहुत ही कम लोगों को दिखाई देते है. लेकिन कुछ फूल ऐसे है जो लंबे समय बाद मिलते है. आज हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे फूल के बारे में जो करीब 12 साल बाद खिलता है.

किशन
किशन

दुनियाभर में खास-खास तरह की प्रजाति के पेड़ और फूल उगते है. हर तरह के फूल की वैरायटी और सुंगध आपको दुनियाभर में देखने को मिल जाएगी. फूल हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते है. दुनिया में कई तरह के फूल बेहद ही अजीब किस्म के है जो बहुत ही कम लोगों को दिखाई देते है. लेकिन कुछ फूल ऐसे है जो लंबे समय बाद मिलते है. आज हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे फूल के बारे में जो करीब 12 साल बाद खिलता है. ये एक विशेष तरह का फूल है जिसे देखने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है.

नील कुरिंजी

दरअसल नीलकुरिंजी भारत के दक्षिण में शोला घास में उगने वाला एक बेहद ही खास किस्म का फूल होता है. ये एक ऐसा फूल है जो कि 12 सालों में केवल एक बार ही खिलता है. यह नीलगिरी पर्वत पर उगता है जो दक्षिण में स्थित है. इस फूल का वैज्ञानिक नाम स्ट्रोबिलैंथस कुंथियाना है. इसका रंग बैंगनी होता है. यह फूल काफी ज्यादा खास होता है और इसको देखने के लिए लोग काफी दूर-दूर से आते है. लोग इस खास फूल के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेना चाहते है.

यहां खिलता यह फूल

भारत के दक्षिण में केरल एक ऐसा राज्य है जो घने जंगल व विशेष तरह के फूल, मसालों के लिए प्रसिद्ध माना जाता है. ये नीले रंग का खास बैंगनी फूल जो कि 12 साल में एक बार खिलता है. इस फूल को देखने के लिए केवल देश ही नहीं कई बार विदेश से भी लोग केरल आते है और इस खास फूल के बारे में जानाना चाहते है.

जाने कब खिला फूल

केरल राज्य में खिलने वाला ये नीलकुरिंजी नाम का फूल सबसे पहले 2006 में खिला था. इस फूल को दोबारा खिलाने की कोशिश की जा रही है. अगर हम देश की बात करें तो इस विशेष फूल की यहां कुल 46 प्रजातियां पाई जाती हैं. सबसे ज्यादा इस तरह के फूल की प्रजाति मुन्नार में ही होती है.

English Summary: These flowers bloom once in 12 years Published on: 14 February 2019, 02:12 IST

Like this article?

Hey! I am किशन. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News