फूलों की खेती का व्यवसाय इन दिनों काफी तेजी से बढ़ रहा है. फूलों में ग्लेडिओली, गुलाब और गुलदाउदी की बाजार में बहुत मांग होती है. फूलों की बाजार में मांग उनकी ताज़गी और सुंदरता पर आधारित होती है, लेकिन ताज़े फूलों के जल्दी खराब होने की प्रकृति के कारण यह बाजार तक सही तरीके से पहुंच नहीं पाते हैं, जिस कारण किसानों को काफी नुकसान होता है. फूलों की गुणवत्ता और जीवन को बनाए रखने के लिए उचित कटाई के बाद इनके अच्छी रखरखाव की भी आवश्कता होती है. ऐसे में आज हम आपके फूलों से जुड़ी कुछ खास तकनीक के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होंगी. तो आइए जानते हैं फूल तोड़ने के बाद रखरखाव के कुछ खास तरीकों के बारे में….
फूल चुनने की तकनीक
फूलों की अच्छी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें उचित अवस्था में तोड़ना चाहिए. तोड़ने से पहले पौधों को पानी देना चाहिए और खेत में लगे सभी फूलों की कटाई एक साथ नहीं करनी चाहिए. प्रत्येक फूल की कटाई के लिए एक विशिष्ट अवस्था होती है. सही अवस्था से पहले या बाद में काटे गए फूल जल्दी मुरझा जाते हैं और पौधे के जीवनकाल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. फूलों की कटाई एक सही अवस्था में ही करनी चाहिए.
भंडारण
फूलों को तोड़ने के बाद इसे बाजार में ले जाने के लिए भंडारण करना होता है. गुलाब, कारनेशन, ग्लेडिओली, लिलियम, आइरिस, फ्रीसिया, रैगवीड और डैफोडिल जैसे कई फूलों की कटाई कली अवस्था में की जा सकती है क्योंकि कटाई के बाद इन फूलों की कलियां खुलती रहती हैं. ऐसे में इन्हें भंडारण कर बाजार तक सही अवस्था में पहुंचाया जा सकता है. स्पाइक प्रकार के फूलों की कटाई आमतौर पर तब की जाती है जब इसका एक-चौथाई हिस्सा के आधा पुष्पक्रम खुल जाता है. फूलों को तोड़ने के उचित चरण के अलावा, इसकी कटाई सुबह और शाम को ही करनी चाहिए, जब इसके पत्तों पर ओस फैली रहती है, क्योंकि सतह पर नमी के कारण वे रोगजनकों से संक्रमित नहीं हो पाते हैं.
सही औजार का उपयोग
फूलों को काटने के लिए तेज चाकू या कैंची का उपयोग करना चाहिए ताकि तना क्षतिग्रस्त न हो. जल अवशोषण के लिए सतह क्षेत्र को बढ़ाने के लिए तनों की कटाई छटाई करते रहना चाहिए. जिन फूलों से लेटेक्स निकलता है, उन्हें तोड़ने के तुरंत बाद कुछ सेकंड के लिए गर्म पानी में डुबो देना चाहिए. इससे तोड़े गए फूलों की लाइफ बढ़ जाती है.
गीला भंडारण
इस भंडारण के लिए स्पाइक्स की कटाई तब की जाती है जब पौधों में पुष्पक्रम रंग दिखने लगते हैं. इन स्पाइक्स को प्रतिकूल परिस्थितियों के तहत सीधे पानी में रखा जाता है. इस माध्यम से फूलों को आसानी से 9 दिनों तक स्टोर करके रखा जा सकता है, इससे स्पाइक्स की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होती है और इन्हें सजावट के लिए लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है.
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परिवहन के दौरान सुरक्षा
फूलों की हरियाली बनाए रखे रहने के लिए इनका सही तरीके से भंडारण कर ही परिवहन करना चाहिए. रास्ते में होने वाली क्षति से बचने के लिए सूखे भंडारण और पैकिंग को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. फूलों को पैक कर 50 या 100 पत्तों के बंडलों को 20 दिनों तक कोल्ड स्टोरेज में संग्रहित किया जा सकता है.
फूलों की कटाई के बाद की ताज़गी कटाई से पहले, कटाई के दौरान और कटाई के बाद के कारकों पर निर्भर करती है. यदि खेत की वृद्धि के दौरान फसलें प्रतिकूल तापमान, नमी, सिंचाई, पोषक तत्व, कीट या कीट के हमले के संपर्क में आती हैं, तो फूलों का विकास प्रभावित होता है, जो फसल के बाद उनके फूलदान के जीवन को भी कम कर देता है.
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