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पेरेनियल गार्डनिंग से आर्थिक परेशानियां होंगी दूर, जानें घर-आंगन में कैसे करें इसकी बागवानी?

ऐसे में कई लोग पूजा पाठ के मकसद से भी अपने-अपने घरों में फूल लागते हैं या फिर बाजारों से खरीदते हैं. कई लोगों का शौक होता है, वो मौसम को देखते हुए सीजनल फूल लगाते हैं, तो कई का शौक होता है कि वो बारहों महीने चलने वाले फूलों का आनंद लें.

प्राची वत्स
प्राची वत्स
यह है फायदेमंद बागवानी का बेहतरीन तरीका
फायदेमंद बागवानी का बेहतरीन तरीका : Perennial gardening

फूलों का शौक हर किसी को होता है. चाहे फिर वो व्यावसायिक रूप से हो या फिर घर आँगन को सजाने के लिए. इन दोनों ही परिस्थिति में यह लाभदायक और मुनाफे का सौदा है. भारतीय संस्कृति की बात करें, तो इसमें भी फूल का अलग महत्व है. ऐसे में कई लोग पूजा पाठ के मकसद से भी अपने-अपने घरों में फूल लागते हैं या फिर बाजारों से खरीदते हैं.

कई लोगों का शौक होता है, वो मौसम को देखते हुए सीजनल फूल लगाएं, तो कई का शौक होता है कि वो बारहों महीने चलने वाले फूलों का आनंद लें, जिसको हम पेरेनियल गार्डनिंग (Perennial Gardening) भी कहते हैं. तो आज इस लेख में हम वैसे फूलों के बारे में बात करेंगे, जिसकी खूबसूरती का आनंद आप बारहों महीने ले सकते हैं और साथ ही इसका बिज़नेस (Business Idea) कर अच्छा मुनाफा भी कम सकते हैं.

गुलाब (Rose)

गुलाब 100 में से 99 लोगों का पसंदीदा फूल होता है. इसका चटक रंग और महक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में मशहूर है. बाजारों में भी इसकी मांग अन्य फूलों के मुकाबले काफी अधिक है. पूरे साल खिलने वाला सुगंधित बारहमासी फूल वाला पौधा है. गुलाब की कई किस्में भी हैं और सभी किस्मों के अलग-अलग रंग और आकार भी मौजूद हैं. भारतीय जलवायु, देसी गुलाब और कश्मीरी गुलाब जैसी किस्मों के लिए अनुकूल है, जो कि सालभर खिलती है. अधिकांश आधुनिक गुलाब की किस्में पूरे साल खिलती हैं. दोबारा फूलों के विकास की प्रक्रिया में छह सप्ताह या उससे भी अधिक समय लग सकता है.

लैंटाना (Lantana)

लैंटाना एक ऐसा सुगन्धित पौधा है, जिसका ना सिर्फ फूल बल्कि तना से लेकर पत्तियां तक का इस्तेमाल की जाती हैं. व्यावसायिक रूप से अगर देखा जाए, तो यह एक बेहतर विकल्प है.इसका वानस्पतिक नाम लैंटाना कैमरा है. यह एक उष्णकटिबंधीय, सदाबहार झाड़ी (evergreen shrub) है. वहीँ इस पर गुच्छों में सफेद, पीले, नारंगी, गुलाबी और लाल रंग के फूल लगते हैं. यह पौधा अच्छे जल निकासी (draining) वाली मिट्टी में होता है और गर्म जलवायु वाले इलाकों में इसे आसानी से उगाया जा सकता है.

गुड़हल (Hibiscus)

गुड़हल फूल का भारतीय संस्कृति में ख़ास महत्व है. इसका इस्तेमाल ख़ासकर पूजा-पाठ में किया जाता है. ऐसे में कई लोग इसकी खेती व्यवसायिक रूप से करते हैं. यह पूरे साल खिलने वाला बारहमासी पौधा है. इसका वानस्पतिक नाम हिबिस्कस रोजा-साइनेंसिस (Hibiscus rosa-sinensis) है. गुड़हल के पौधे पर सफेद, पीले, लाल और गुलाबी रंग के फूल लगते हैं. जिसको देख सभी लोग इसको अपने आँगन में लगाना पसंद करते हैं. सालभर खिलने के कारण ज्यादातर घरों में यह बहुत पसंद किया जाता है.

एक्सोरा (Ixora)

एक्सोरा अपने नाम के तरह ही अद्भुत है. इसका गोल सा आकार अक्सर लोगों को अपनी ओर खींच लेता है. वहीँ इसकी ख़ासियत यह है कि यह सालभर खिलने वाला फूल है. इस फूल की कई किस्में भी हैं. एक्सोरा आकर्षक लाल, पीले और चमकीले नारंगी रंगों में खिलता है. इसे अधिक देखभाल और रखरखाव की भी जरूरत नहीं पड़ती है. आप आसानी से इस फूल को लगा सकते हैं. यह हर तरह की जलवायु में वृद्धि करता है.

चमेली (Jasmine)

चमेली अपनी खुशबू के लिए पूरे जगत में मशहूर है. इसकी महक ही इसकी ख़ासियत है. अगर यह फूल आपके गार्डन में है तो यकीन मानिए आपका घर-आँगन इसकी खुशबू से हमेशा महक उठेगा. यह एक सदाबहार, बारहमासी झाड़ी है, जिसमें कई तरह के हर्बल गुण भी पाए जाते हैं. इस फूल का इस्तेमाल सजावट और इत्र बनाने के लिए भी किया जाता है. यह फूल देवताओं को भी अर्पित किया जाता है.

English Summary: Perennial gardening will remove financial problems, learn how to do gardening in the courtyard Published on: 15 March 2022, 12:12 IST

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