आपको सुनने में यह थोड़ा अजीब लगे लेकिन यह सच है कि बंजर जमीन पर भी अब लिलियम के फूल लहलहा रहे हैं। आज जब खेती की उपजाऊ जमीन लागातर बंजर होती जा रही है, ऐसे में लिलियम के फूल की खेती में किसानों को नई राह दिखाई दे रही है। लिलियम ठंडी आबोहवा का बेहद ही खुबसूरत फूल है। दुनियाभर में कंदीय फूल में ट्यूलिप के बाद लिलियम ही एक ऐसा फूल है जिसकी खासी मांग होती है। सजावट में यह बहुत काम आता है. जिसकी वजह से बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिल जाती है। दुनियाभर में इस फूल की खेती की जाती है।
बाहर से आया है फूल
लिलियम फूल की खेती के लिए बल्ब हॉलैंड से मांगाया जाता है। एक अनुमान के मुताबिक भारत हॉलैंड से तकरीबन 15-20 लाख बल्बों का आयात करता है। यह अनुमान लगाया गया है कि दुनिया में के कुल सालाना करोबार में कंदीय फूलों का तकरीबन 12 हजार करोड़ का व्यापार है। सिर्फ 70 दिनों की बागवानी वाला लिलियम फूल किसानों के लिए बेहद ही फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके 1 एकड़ में 90 हजार से 1 लाख फूल तैयार हो जाते है। इससे किसानों को प्रति एकड़ 12 से 15 लाख रूपये तक की आमदनी आसानी से प्राप्त हो सकती है।
फूल की खेती पर मिल रहा है अनुदान
बागवानी विभाग लिलियम की खेती पर 50 फीसदी अनुदान दे रहा है, जबकि नेट पॉली हाउस लगाने पर 65 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है। वैसे तो जम्मू -कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड की जलवायु इसकी खेती के लिए उत्तम है, लेकिन अब देश के अन्य हिस्सों जैसे पंजाब और हरियाणा में भी किसान लिलियम की खेती कर रहे है।
बेरोजगारों के लिए फायदेमंद
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के गांव हड़ौली के किसान प्रभाकर भकुनी पिछले कई सालों से लिलियम फूल की खेती को करने का कार्य कर रहे है। उनका कहना है कि बाजार में लिलियम के एक फूल की कीमत 40 से 50 रूपए के करीब है। किसान खुद फूलों के कारोबारियों से संपर्क कर अपनी पैदावार बेचें तो भी उससे बहुत अच्छी आमदनी प्राप्त हो सकती है। उनका कहना यह भी है कि लिलियम की खेती बेरोजगारों के लिए आमदनी का एक बेहतरीन जरिया साबित हो सकती है। गौरतलब है कि आज दुनियाभर में फूलों की खेती दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ऐसे में किसान फूलों की खेती करके अच्छी आमदनी को प्राप्त कर सकते है।
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