हरियाणा के जींद में डीसी कॉलोनी में वन विभाग द्वारा विकसित किए गए हर्बल पार्क में अब विभिन्न प्रकार की 50 प्रजातियों की पौध की नर्सरी को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। यहां की करीब सवा दो एकड़ में फैली इस नर्सरी में ईमारती लकड़ी, सजावटी पौधे, औषधीय पौधे की कई दुर्लभ प्रजातियों को भी तैयार किया जा रहा है। कई दुर्वभ प्रजातियों के पेड़-पौधे भी इस नर्सरी में आसानी से उपलब्ध हो जायेंगे। जींद शहर के वन विभाग के द्व्रा यहां पर नर्सरी को तैयार करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। जींद के वन अधिकारी मंडल रोहताश बुरथल ने इस बारे में बताया कि इस नर्सरी में जाल, बड़ समेत पीपल जैसे लुप्त पौधों को भी तैयार किया जा रहा है। अमलताश, आंवला, अर्जुन, वहेड़ा, बेलपत्थर, नीम, गुलमोर, ईमली, जामुन, कचनार, कदम, चंपा, कुरूम, लेशवा, पापड़ी, चांदनी, हर्बल प्लांट, शहतूत, गुगनबेल, टीकोमा जैसे पौधों की पौध इस नर्सरी में तैयार की जा रही है।
लोगों को नहीं जाना पड़ेगा बाहर
वन विभाग के अधिकारी का कहना है कि जींद में बन रही इस नर्सरी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब यहां के लोगों को गर भी दुर्लभ किस्म का पौधा चाहिए तो उनको शहर से बाहर इसे खरीदने के लिए नहीं जाना पड़ेगा। जिला वन मंडल अधिकारी के अनुसार हर्बल पार्क में नर्सरी विकसित हो जाने के बाद पौधे बेचने जैसी सुविधा पर भी विचार किया जाएगा।
आम के पेड़ का मोटा तना
हर्बल पार्क में आम के पेड़ का एक ऐसा तना रखा गया है जिसकी लपेट की मोटाई 18 फीट से भी अधिक है। इस पेड़ के तने का वजन 77 क्विंटल है। इसको रखने के लिए हर्बल पार्क में विशेष प्रकार का एक प्लेटफार्म भी तैयार करवाया गया है। इस मोटे तने को रखने का उद्देश्य़ लोगों को पेड़-पौधों के संरक्षक का संदेश देना है।
जल्द मिलेगा नहरी पानी
हर्बल पार्क नहरी पानी उपलब्ध करवाने की परियोजना पर 18 लाख रूपए की राशि को खर्च किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक 7 रजवाहे से पाईपलाइन बिछाकर हर्बल पार्क में पानी लाया जाएगा। नहरी पानी मिलने पर यह पर विकसित होने जा रहे सभी पेड़-पौधों की बढोतरी पर खास असर पड़ेगा जो कि काफी फायदेमंद भी होगा।
किशन अग्रवाल, कृषि जागरण
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