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बंजर भूमि पर हो रही है फूलों की खेती, कमा सकते है लाखों का मुनाफा

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में कुशवाह मोहल्ले में रहने वाले एक किसान ने अपनी बंजर भूमि को ऊपजाऊ बनाकर फूलों की उन्नत खेती को शुरू किया तो किसानों की किस्मत बदल गई है. किसान नाथूराम कुशवाह ने फूलों की खेती को करने की इच्छा को जाहिर किया तो इस कड़ी में सबसे पहले उन्होंने रबी की खेती के समय कुछ पौध फूलों के खेत की क्यारियों में लगा दी और जब फूल खिलने लगे तो उनको तोड़कर फूलों की माला बनाकर बाजार में बेचने लगे तो एक दिन में सभी फूल बिक गए थे.

किशन
किशन
Goldmeri

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में कुशवाह मोहल्ले में रहने वाले एक किसान ने अपनी बंजर भूमि को ऊपजाऊ बनाकर फूलों की उन्नत खेती को शुरू किया तो किसानों की किस्मत बदल गई है. किसान नाथूराम कुशवाह ने फूलों की खेती को करने की इच्छा को जाहिर किया तो इस कड़ी में सबसे पहले उन्होंने रबी की खेती के समय कुछ पौध फूलों के खेत की क्यारियों में लगा दी और जब फूल खिलने लगे तो उनको तोड़कर फूलों की माला बनाकर बाजार में बेचने लगे तो एक दिन में  सभी  फूल बिक गए थे. उनकी आमदनी जब अच्छी हुई तो नाथूराम ने रबी और खरीफ सहित सब्जियों की खेती को छोड़ कर फूलों की खेती को शुरू कर दिया. अब वह 20 हजार रूपए महीने के कमा रहे हैं जिससे प्रेरित होकर दो दर्जन किसानों ने फूलों की खेती शुरू कर दिया है.

फूलों की खेती से खरीदी 5 बीघा जमीन

किसान नाथूराम की माने तो फूलों की खेती से हुए मुनाफा से एकत्रित किए पैसों से 5 बीघा जमीन भी खरीद ली है. अब खरीदी हुई पूरी 5 बीघा जमीन में उन्नत किस्मों के फूलों का उत्पादन किया जा रहा है. किसान का कहना है कि पूर्व में 6 हजार रूपए महीने के कमाते थे लेकिन अब हर महीने 20 हजार रूपये से ज्यादा फूल मालाओं को बेचकर मुनाफा कमा रहे है. इससे उनकी एक साल की आय ढाई से तीन लाख रुपए हो गई, इतनी बड़ी रकम रबी और फसल में नहीं कमा पाते  थे, आज किसान नाथुराम को देखकर अन्य कुशवाह समाज के लोग दो दर्जन से भी ज्यादा किसान फूलों की खेती करने लगे है.

yellow flower

फूल बने पहचान

अगर फूल मालियों की माने तो जहां पर एक ओर 20 साल पहले फूल लेने झांसी तक जाना पड़ता था, आज करैरा में फूलों के लिए अलग पहचान बन रही  है. अब यह स्थिति है कि नगर के फूल अब यूपी के झांसी, शिवपुरी सहित अन्य महानगरों में बिकने के लिए जा रहे है. क्षेत्र के लोगों का मत है कि पहले फूलों के लिए काफी दूर तक जाना पड़ता था लेकिन अब फूल मालाओं की जरूरत ज्यादा पड़ने पर अन्य नगरों के लिए कैररा भेजे जाते है.

बढ़ा फूलों का रकबा

फूलों की खेती से किसान काफी मुनाफा कमा सकते है. यह कोई फसल तो नहीं है. लेकिन इसमें काफी मेहनत भी लगती है. इससे कम लागत में अधिक मुनाफा होताहै. यह बात सही है कि करैरा में चमेली, तचंपा, मोगरा, गैंदा, सूरजमुखी, इंग्लिश गुलाब, मौग्रेट सहित कई प्रकार के फूलों की खेती का रकबा बढ़ा है जिससे किसानों की आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आज किसान इसके सहारे काफी आमदनी कर और आगे की कार्ययोजना पर भी काम कर रहे है.

English Summary: Farmer is going to get flowers on a wasteland Published on: 20 June 2019, 03:37 IST

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