Kantola Cultivation: हमारे शरीर की अच्छी सेहत के लिए अच्छे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. इसके लिए हमें विभिन्न प्रकार की सब्जियों का सेवन करना चाहिए, जो हमारे शरीर में न्यूट्रिशन की कमी को पूरा करें साथ ही हमें अन्य बीमारियों से भी दूर रखें. ऐसे में आज हम आपको एक बेहद ही फायदेमंद सब्जी कंटोला के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आयुर्वेद में एक ताकतवर औषधि के रूप में प्रसिध्द है. इस सब्जी में मांस से 40 गुना ज्यादा प्रोटीन होता है. इस सब्जी में मौजूद फाइटोकेमिकल्स हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है. इसकी खेती मुख्य रूप से भारत के पहाड़ी इलाकों में की जाती है. देश में इसे अन्य लोकल नाम कंकोड़ा, कटोला, परोपा और खेख्सा के नाम से जाना जाता है.
खेत की तैयारी
कंटोला की खेती के बलुई दोमट मिट्टी में अच्छी होती है. आप खेत की जुताई के बाद इसपर कम से कम 2 से 3 बार पाटा जरुर चला दें. इसकी बेहतर पैदावार के लिए खेत में समय-समय पर गोबर की खाद मिला कर जैविक तरीके से खाद देते रहें.
बुआई
कंटोला एक खरीफ के समय में उगाई जाने वाली फसल है. गर्मी के समय में मैदानी भागों में जनवरी और फरवरी महीने में उगाई जाती है. वहीं खरीफ की फसल जुलाई-अगस्त में बोई जाती है. इसके बीजों को, कंद या कटिंग के माध्यम से लगाया जाता है.
कटाई
कंटोला के फल बड़े आकार में होने पर ही इसकी कटाई की जाती है. इन फलों को मुलायम अवस्था में दो से तीन दिनों के अंतराल पर नियमित तुड़ाई करना फायदेमंद होता है.
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कंटोला के औषधीय गुण
कंटोला अपने औषधीय गुणों के कारण जाना जाता है. यह हमारे शरीर के पाचन शक्ति को बढ़ाता है. इसमें मौजूद रासायनिक यौगिक मानव शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. यह शरीर के ब्लड शुगर लेवल, त्वचा में दरार और आंखों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मददगार होता है. यह किडनी में होने वाली पथरी को भी दूर करता है और बवासीर के मरीजों के लिए भी लाभकारी होता है.
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